दिये गये तहरीर में पीडित महिला आसमा खातून ने आरोप लगाया है कि उसका निकाह बरहपुर गांव निवासी मो0 नसीम के साथ हुआ था। दोेनों पति पत्नी के रूप में रहते हुए दोनों से 10 बच्चे पैदा हुए। जिनमें से चार बेटे रज्जब अली, मो0 वसीम, गुलाम रसूल तथा अफजल तथा चार बेटियां हबीबा खातून तथा शहीदुन्निशा, अकीहरून्निशा जीवित है। हबीबा खातून की शादी हो गयी है जो बंबई में अपने शौहर के साथ रहती है।
उसके चार बच्चें हैं वहीं बडे बेटे रज्जब का निकाह शकीला खातून के साथ हुआ है जिसके एक बिटिया है। अभी भी दो बेटी तथा तीन बेटों की शादियां नहीं हुई है। आसमा खातून ने कहा कि, मेरे शौहर ने अपनी पैतृक भूमि का दो बीघा पहले ही बेंच दिया। और अब जो दो बीघा जमीन बची है उसे भी बेचना चाहते है जिसको लेकर मेरे द्वारा विरोध किया गया तो उन्होंने मुझे तलाकनामा सौंपते हुए तलाक दे दिया।
पीड़ित आसमा ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि अब इतने बडे कुनबे के गुजारा कैसे होगा। पीडिता ने पुलिस क्षेत्राधिकारी तथा थानाध्यक्ष को शिकायती पत्र देकर जमीन विक्रय को रोकवाने तथा भरण पोषण के खर्चे की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगायी है। फिलहाल 60 साल की उम्र में तलाक देने को लेकर हर प्रबुद्ध बर्ग आहत दिखायी दिया।
इस मामले को लेकर एसपी नरेंद्र सिंह ने कहा कि हम इस शिकायत पर कोई एक्शन नही ले सकते. क्यो कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद कानून मे कोई बदलाव या गाइड लाईन नही आई है।