थाने की कस्बा पुलिस चौकी जयपुर-दिल्ली नेशनल हाइवे पर स्थित है। चौकी का स्टाफ थाने और भवन को यातायात पुलिस काम में ले रही है। चौकी के अधीन करीब एक दर्जन गांव ढाणियों में रात्रि गश्त के लिए महज एक बाइक है। हाइवे पर अक्सर दुघटनाएं एवं इलाके में चोरी की घटनाएं होने पर पुलिस देरी से पहुंचती है।
त्रिवेणी पुलिस चौकी पर कहने को तो 7 पद स्वीकृत है, लेकिन 2 दर्जन गांवों की सुरक्षा महज एक उपनिरीक्षक समेत तीन पुलिस कर्मियों के भरोसे है। चौकी पर नियुक्त अन्य पुलिसकर्मी थाने में लगे हुए हैं। 30 किमी के परिक्षेत्र को कवर करने के लिए महज एक बाइक है। वह भी पुरानी हो चुकी है।
जयपुर-दिल्ली नेशनल हाइवे पर बागावास अहिरान पुलिस चौकी महज एक गुमटीनुमा कमरे में संचालित है। यहां एक सहायक उपनिरीक्षक, एक हैडकांस्टेबल और दो कांस्टेबल नियुक्त है। इस अस्थाई चौकी पर पुलिसकर्मियों के ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है।
त्रिवेणी पुलिस चौकी से कुछ ही दूरी पर सीकर सीमा है। चौकी इलाके में कई बार बदमाश वाहन चोरी, भैंस चोरी व अन्य चोरियों की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। पर्याप्त वाहन की सुविधा नहीं होने से सूचना के बाद भी पुलिस समय पर नहीं पहुंच पाती है।
तीनों पुलिस चौकियों पर तीन बाइक है। तीनों बाइकों के लिए एक माह में महज 10 लीटर ही पेट्रोल मिलता है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात्रि गश्त कितनी होती होगी। चौकियों में बेसिक फोन की भी व्यवस्था नहीं है। हालांकि त्रिवेणी पुलिस चौकी में बेसिक फोन था, लेकिन कई साल पहले उसका भी कनेक्शन कट गया।
चौकियों पर मुख्यालय की ओर से बाइक ही उपलब्ध करवा रखी है। कस्बा चौकी में नियुक्त कर्मी अपने परिक्षेत्र में नियमित गश्त करते हैं। बागावास पुलिस चौकी अस्थाई है।
महेन्द्र सिंह, थाना प्रभारी, शाहपुरा।