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राजस्थान में यहां गाजर की बम्पर आवक, जम्मू व हिमाचल प्रदेश में बनी पहली पसंद

यहां की फल व सब्जी मण्डी में इन दिनों लाल गाजर की बम्पर आवक हो रही है। यहां फल व सब्जी मण्डी में प्रतिदिन गाजरों के कट्टों से भरी 300 से 400 पिकअप, 50 से 60 ट्रैक्टर ट्रॉली प्रतिदिन आ रहे है।

बस्सीNov 09, 2022 / 03:56 pm

Kamlesh Sharma

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कोटपूतली। यहां की फल व सब्जी मण्डी में इन दिनों लाल गाजर की बम्पर आवक हो रही है। यहां फल व सब्जी मण्डी में प्रतिदिन गाजरों के कट्टों से भरी 300 से 400 पिकअप, 50 से 60 ट्रैक्टर ट्रॉली प्रतिदिन आ रहे है। इनमें 20 से 25 हजार कट्टे गाजर आ रहे है। जो करीब एक करोड़ से अधिक है।

गाजर गुणवत्ता अनुसार थोक में 15 से 30 रुपए किलोग्राम तक विक्रय हो रही है। गाजर की आवक 15 अक्टूबर से शुरू हो गई थी। शुरू में गाजर 40 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम विकय हुई थी। पिकअप ट्रैक्टर ट्रॉली बड़ी संख्या में फल व सब्जी मण्डी में आने से मण्डी परिसर छोटा पड़ रहा है। इसलिए कृषि उपज मण्डी के नए परिसर को भी गाजर बिक्री के उपयोग में लिया जा रहा है। सुबह से शाम तक मण्डी में गाजर से भरे वाहनों की रेलमपेल से जाम लग जाता है। गाजर की सुबह व शाम दो समय मण्डी लगती है। गाजर खरीदने के लिए दूसरे प्रदेशों के व्यापारी यहां आए हुए है। जो प्रतिदिन गाजर खरीद कर दूसरे प्रदेशों में भेजते है। गाजर खरीद व बिक्री नवम्बर के अंत तक रहती है।

इस क्षेत्र में पैदा हो रही लाल गाजर के ट्रक प्रतिदिन यहां से उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, एमपी के अलावा चंडीगढ़ सहित कई शहरों में जा रहे है। गाजर का रंग लाल चटक होने के अलावा सर्दी की शुरूआत में सबसे पहले यहां गाजर की आवक होने से दूसरे प्रदेशों में यहां की गाजर की पहली पसंद है।

बानसूर मोड़ पर रहता है जाम……
गाजर से भरे वाहनों की आवाजाही से बानसूर मोड़ के अलावा सर्विसलेन पर जाम के हालात रहते है। गाजरों के कट्टों से भरी पिकअप व ट्रैक्टर ट्रॉलियों के आने से जाम लग जाता है। पुलिस को जाम खुलवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। सुबह व शाम के समय जाम अधिक रहता है। मण्डी में सुबह से गाजर से भरे वाहनों का आना और दूसरे प्रदेशों में जाना शुरू हो जाता है। जो शाम तक जारी रहता है। जाम से व्यापारियों के अलावा आमजन को आवागमन में परेशानी होती है।

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फसल में नवाचार…
कुछ सालों से क्षेत्र के किसान बाजरे की अगती फसल के बाद गाजर की पैदावार कर रहे है। बाजरे की फसल कटने के बाद गेहूं की बुवाई में दो से तीन माह का समय रहता है। किसान इस समय का उपयोग करते हुए गाजर कर रहे है। बाजरे की कटाई के बाद गाजर बीज डाल देते है और बिना किसी विशेष प्रयासों के गाजर की बम्पर पैदावार हो रही है। गाजर बीज पकने व तैयार होने में डेढ़ से दो माह का समय लगता है। पहले किसान कटाई व बुवाई के बीच दो माह के अन्तर में कोई फसल नहीं करते थे। अब गाजर कर मुनाफा कमा रहे है।

गाजर की आवक पर एक नजर
300 से 400 पिकअप
50 से 60 ट्रैक्टर ट्रॉली
20 से 25 हजार कट्टे
15 से 30 रुपए किलोग्राम थोक में विक्रय
1 करोड़ से अधिक का हो रहा व्यापार

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मण्डी में इन दिनों गाजर की बम्पर आवक हो रही है। यहां की गाजर कई प्रदेशों में आपूर्ति हो रही है। इससे बड़ी संख्या में वाहन मण्डी परिसर में जमा हो जाते है। वाहनों के अलावा गाजर के कट्टे रखने के लिए कृषि उपज मण्डी के नए परिसर में अलग से जगह मुहैया कराई है।
-प्रीति शर्मा, सचिव कृषि उपज मण्डी समिति कोटपूतली

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