हाइवे निर्माण में लगी कंपनी से मिली जानकारी अनुसार फरवरी के अंत तक गडरारोड कस्बे के मुख्य चौराहे पर निर्माणाधीन पुल का कार्य पूरा होने के साथ हाइवे निर्माण कार्य भी पूरा हो जाएगा।
चलाया था अभियान
इस मार्ग पर गागरिया से मुनाबाव के बीच का हिस्सा लंबे समय से सिंगल रोड़ होने से ग्रामीणों को परेशानी होती थी। पत्रिका ने इस समस्या को लेकर अभियान चलाकर समाचार प्रकाशित कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। अब एनएच 25 ई जोधपुर से भारत-पाक बॉर्डर के आखिरी मुनाबाव तक डबल हाइवे की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध होगी। पहले चरण का कार्य हो चुका पूर्ण
गौरतलब हो पहले चरण में
बाड़मेर-गागरिया 69 किलोमीटर हाइवे का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में गागरिया से मुनाबाव 56 किलोमीटर हाइवे निर्माण कार्य अंतिम दौर में चल रहा है।
सांचौर से तनोट तक सीधा जुड़ाव
भारत माला हाइवे में सांचौर-गांधव से गागरिया और गागरिया से मुनाबाव, मुनाबाव से तनोट माता तक सीधा जुड़ाव हो गया है। इससे स्थानीय लोगों के व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और रोजगार के नए अवसर प्रदान होंगे।
सामरिक, पर्यटन स्थलों को मिलेगा बढ़ावा
बाड़मेर-मुनाबाव 125 किमी लंबे सड़क मार्ग का महत्व न केवल स्थानीय लोगों के लिए है, बल्कि यह सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस मार्ग से विरात्रा वांकल माता मंदिर, केराडू मंदिर, रेडाणा का रण, गडरा के रेलवे अमर शहीद स्मारक, गडरारोड मुनाबाव बॉर्डर दर्शन, रोहिडी के मखमली धोर जुड़े हुए हैं। यह मार्ग भारत-पाक सीमा से सटे गांवों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे सीमा क्षेत्र में सुरक्षा और संचार की सुविधा बढ़ेगी।