बाजरे की फसल को रोग प्रतिरोधक माना जाता है । अब सैकड़ों गायें बाजरे की खड़ी फसल से अपना पेट भर रही हैं। ध्यान रहे कि इस वर्ष बरसात अधिक होने से बाजरे की फसल अच्छी स्थिति में खड़ी है, जो अभी पकने के मुहाने पर खड़ी होने के बावजूद यह अनूठा उदाहरण पेश किया है। इसी प्रकार माधुसिंह परिवार ने गायों के रोग उपचार के निमित्त गोशाला में ग्यारह हजार रुपए की नकद राशि भी जमा कराई है ।
तब गाय की मृत्यु होने पर मोहल्ले में छा जाता था शोक, घरों में चूल्हा तक नहीं जलता था
बाजरे की फसल गायों के लिए छोड़ना सराहनीय है। गायों की दवाइयां खरीदने के लिए गोशाला को नकद राशि भी भेंट की है । ऐसे संकट में सभी को आगे आकर पशु सेवा करनी चाहिए।
माधुसिंह पूर्व सरपंच सिलोर