कम आपूर्ति की यह है वजह
जानकारी अनुसार रॉक फास्फेट खनिज से डीएपी खाद का निर्माण किया जाता है। यह खनिज चीन व रूस में सर्वाधिक होता है। चीन-भारत के बीच सीमा विवाद को लेकर लंबे समय से सरकार चीन से माल नहीं खरीद रही है। दूसरी और रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर कच्चे माल की आवक बहुत कम हो रही है। मांग अधिक होने पर कई देशों ने कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है। ऐसे में बढ़ी कीमत में माल खरीद तैयार करने व बड़े अनुदान पर इसे किसानों को उपलब्ध करवाने को लेकर मुश्किल खड़ी हो गई है।8 से 10 हजार बैग डीएपी खाद बैग की जरूरत
प्रदेश सहित क्षेत्र में इस वर्ष अच्छी मानसून बरसात हुई है। लूनी नदी में करीब दो महीने पानी के बहाव पर जल स्तर में अच्छा सुधार हुआ है। इस पर समदड़ी, सिवाना, बालोतरा, सिणधरी, बायतु आदि क्षेत्र में बड़ी संख्या में किसान रबी फसल की बुवाई करेंगे। भरपूर मानसून बरसात पर किसान सेवज खेती के रुप में सरसों, चने की खेती करेंगे। इस पर पूरे बाड़मेर में वर्तमान में करीब 8 से 10 हजार डीएपी खाद बैग की जरूरत है, लेकिन जानकारी अनुसार किसी भी मार्केटिंग सोसाइटी में मुट्ठी भर डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है।क्यों जरूरी
रबी बीज बुवाई के साथ किसान खेतों में डीएपी खाद देते हैं। इससे की भूमि उर्वरा शक्ति बढ़ने पर बीज अच्छी तरह अंकुरित हों। इस पर अधिकांश किसान बीज बुवाई के साथ डीएपी खाद देते हैं।1800 आए थे और खत्म
एक सप्ताह पहले मार्केटिंग सोसायटी बालोतरा में करीब 1800 डीएपी खाद के बैग पहुंचे थे, लेकिन अगले तीन दिन में यह बैग समाप्त हो गए। इस पर डीएपी खाद के लिए मार्केटिंग सोसायटी पहुंचने वाले दर्जनों किसान निराश होकर घरों को लौटाने को मजबूर हैं।– देवाराम मेघवाल, किसान थोब
- खीमारा पटेल, सराणा
- भोमाराम, किसान पारलू
- गणपत पटेल सेल्समैन, मार्केटिंग सोसायटी बालोतरा