सूचना मिलने पर चौहटन पुलिस उप अधीक्षक कृतिका यादव ने पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। बाड़मेर से वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने शिकारियों के संबंध में छानबीन कर उन्हें जल्द पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू करने का आश्वासन देकर लोगों को शांत करने के प्रयास किए। वहीं, पुलिस ने शिकारियों की तलाश में दो टीमें बनाई हैं।
अंतिम संस्कार नहीं करने की जिद्द पर अड़े रहे ग्रामीण
सवेरे राह चलते लोगों ने जब मृत हरिणों को देखा तो उन्होंने ग्रामीणों व लीलसर मठ के महंत मोटनाथ को घटना की जानकारी दी। महंत के नेतृत्व में लोगों ने मौके पर पहुंच घटना की निंदा की तथा छानबीन कर शिकारियों का पता लगाकर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। यहां चौहटन, धोरीमन्ना, सेड़वा, सांचौर,
बाड़मेर (Barmer) आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचने से यहां भीड़ जमा हो गई। वन्य जीव प्रेमियों ने वन विभाग, पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों के सामने रोष जताया। अधिकारियों की समझाइश के बावजूद लोग शिकारियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक हिरणों का अंतिम संस्कार नहीं करने की जिद पर अड़े थे।
मामले की वन मंत्री को दी जानकारी
श्री जभेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल आरवा ने वन मंत्री संजय शर्मा को शिकार प्रकरण की जानकारी दी। शिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करवाने का आग्रह किया।
धरने पर लीलसर जसनाथ मठ के महंत मोटनाथ, लीलसर सरपंच हीरालाल मूढण माजूद वन्य जीव रक्षा एवं पर्यावरण प्रेमी जगदीश ढाका, रामसिंह बिश्नोई धोरीमन्ना, विश्नोई समाज चौहटन के अध्यक्ष रामजीवन जांगू, उपरला के सरपंच पांचाराम विश्नोई, समाजसेवी जयराम बिश्नोई, किशन भादू सहित लीलसर व आसपास के गांवों के लोग मौजूद थे।