दरअसल, बालोतरा के कनाना गांव में जन्मे जवाहर गणधर चौपड़ा बरसों पहले कनाना गांव को छोड़कर व्यापार के सिलसिले में दक्षिण भारत चले आए। जहां व्यापार में सफलता के बाद 1998 में उनका देहांत हो गया। उनके दो बेटे दिलीप और बसंत बताते हैं कि उनके पिता कनाना के लिए कुछ करना चाहते थे, लेकिन उनके देहांत के बाद उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका। देहांत के बाद उनके बेटों ने अपनी मां पुष्पादेवी की प्रेरणा पर गांव में कमजोर तबके के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने को लेकर तैयारी शुरू की, जिसका विस्तार कर अब चौपड़ा परिवार ने 6 बीघे की जमीन पर करीब 3 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक अस्पताल बनवाई है। जिससे स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं में मदद मिलेगी।
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ग्रामीणों में खुशी का माहौलपिछले साल ही ग्राम पंचायत के सरपंच चेनकरण सिंह से चर्चा के बाद अस्पताल के लिए जमीन आवंटन की मंजूरी मिल गई थी और सितंबर में अस्पताल का शिलान्यास जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, तत्कालीन विधायक मदन प्रजापत और विभागीय अधिकारियों ने किया था। करीब आठ माह के निरंतर कार्य के बाद इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन बनकर तैयार हो हुआ। जिसका रविवार को भव्य उद्घाटन कर स्थानीयों को समर्पित किया गया। अस्पताल के निर्माण से क्षेत्र के ग्रामीणों में खुशी का माहौल है।