जिला गठन बाद नई सरकार ने जिलों को लेकर पुनः समीक्षा की, इसमें बालोतरा को यथावत रखा गया है। अब बालोतरा जिला परिषद के गठन का अगला कदम होगा। इसको लेकर राज्य स्तर पर तैयारियां प्रारंभ हो गई है। बालोतरा जिला परिषद बनने के बाद में बाड़मेर-बालोतरा दोनों जिलों की ग्रामीण एवं पंचायती राज की पंचायती भी अलग अलग हो जाएगी।
बाड़मेर में होगी यह 12 पंचायत समितियां : बाड़मेर ग्रामीण, बाड़मेर, शिव, रामसर, गडरारोड, चौहटन, धनाऊ फागलिया सेडवा धोरीमन्ना, गुड़ामालानी, आडेल। बालोतरा में होगी यह 09 पंचायत समितियां: कल्याणपुर, पाटोदी, गिड़ा, बायतु, बालोतरा, समदड़ी, सिवाना, पायलां, सिणधरी
प्रमुख में कांग्रेस का ही दबदबा: जिला परिषद में अब तक कांग्रेस का दबदबा रहा है। भाजपा का एक भी जिला प्रकुख नहीं बना है। अब बालोतरा-बाड़मेर अलग होने से आने वाले चुनावों में रोचक और कड़े मुकाबले हो सकते हैं।
पंचायती राज में भी कांग्रेसः पंचायती राज में भी प्रधानों में अधिकांश पंचायत समितियों में कांग्रेस के प्रधान है। भाजपा के प्रधान की संख्या कम है। सीइओ की पहले होगी नियुक्तिः बालोतरा में जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक की नियक्ति तो हुई है लेकिन जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद अभी सृजित नहीं किया गया है। अब जिला परिषद के गठन से पहले राज्य सरकार यहां पर सीइओ की नियुक्ति करेगी, ताकि इस कार्य को सुगमता से पूर्ण किया जा सके।