अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद ट्रांजिट अवधि में बजरी के अवैध खनन, परिवहन व भण्डारण की निगरानी रखने व अवैध गतिविधियों के विरूद्ध सख्ती बरतने के निर्देश दिए, इसके बावजूद अवैध बजरी का खनन रुक नहीं रहा है।
लूनी नदी में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में दिन-रात बजरी का अवैध खनन चल रहा है, लूनी नदी से अवैध बजरी के भरे डंपर दिन में बाईपास होते हुए बाड़मेर जालौर हाईवे से निकलते हैं लेकिन पुलिस व स्थानीय प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
बाड़मेर जिले में लूणी नदी क्षेत्र में तीन एलओआई धारक है। जिनके पास करीब दस हजार हैक्टेयर की लीज है। यह लीज वर्ष- 2017 में बंद कर दी गई थी, अब इन्हें सुप्रीम कोर्ट की राहत के बाद शुरू किया जाएगा। पचपदरा में करीब 3100, गुड़ामालानी 5100 व समदड़ी में 2500 हैक्टेयर की लीज है।
– कार्रवाई कर रहे है
वर्ष-2017 में बंद हुई एलओआई धारक को जल्द ईसी मिलने पर बजरी का खनन शुरू होगा। फिलहाल कोई वैध पट्टा नहीं है। बजरी का खनन बाड़मेर में बंद है। अवैध खनन पर विभाग लगातार निगरानी रखकर कार्रवाई कर रहा है।- भगवानसिंह भाटी, खनि अभियंता, खनिज विभाग, बाड़मेर