बाड़मेर. बाड़मेर को दुबई बनाने का सपना भी अब अरब के भरोसे होगा। बाड़मेर के क्रूड के गाढ़ा होने से इसमें अरब का पतला क्रूड मिलाना होगा। वहीं, अब रिफाइनरी का कार्य द्रुतगति से होगा। इसके लिए एचपीसीएल ने देश की अन्य रिफाइनरियों के मुकाबले सबसे अधिक राशि 28000 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।
– हमारी रिफाइनरी को दी तवज्जो बाड़मेर रिफाइनरी का कार्य एचपीसीएल करवा रही है। बाड़मेर रिफाइनरी के अलावा विशाखापट्टनम रिफाइनरी को 20928 करोड़, मु्बई रिफाइनरी को 5060 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है।
एचपीसीएल ने 75000 करोड़ रुपए मैंगलोर, मु्बई, भटिंडा, विशखापट्टनम और बाड़मेर में व्यय करने की योजना का खुलासा किया है।
देशभर के कार्य में बाड़मेर रिफाइनरी को प्राथमिकता दी है। वर्ष 2013 में शुरू हुई रिफाइनरी 05 साल तक राजनीतिक उठापटक में अटकी रही और जनवरी 2018 में कार्य शुभारंभ बाद भी 1586 करोड़ के ही काम हुए है। अब रिफाइनरी प्रोजेट पर 2022 तक 43219 करोड़ रुपए व्यय किए जाने हैं। अभी 10 हजार करोड़ के कार्य प्रगति पर है।
– गाढ़े में मिलेगा पतला कू्रड बाड़मेर का क्रूड इतना गाढ़ा है कि इस तेल को रिफाइनरी करना मुश्किल है। बाड़मेर रिफाइनरी प्रारंभ होने पर 7.5 मिलियन टन अरब का क्रूड आएगा और 1.5 मिलियन टन बाडमेर का क्रूड मिलाया जाएगा, तब 9 मिलियन टन की रिफाइनरी क्षमता के अनुरूप चलेगी।
बाड़मेर से अभी प्रतिदिन 1.75 लाख बैरल क्रूड निकाला जा रहा है जो जामनगर रिफाइनरी हिटिंग पाइप लाइन से जा रहा है। एक निश्चित तापमान पर यह तेल नहीं रखा जाए तो जम जाता है। ऐसे में 720 किमी पाइप लाइन को गर्म रखा जाता है। अब बाड़मेर में रिफाइनरी लगने लगी है तो फिर वही स्थिति आ गई। बाड़मेर के क्रूड में पतले कू्रड की जरूरत है।
– कमाएगा गुजरात भी रिफायनरी पूरी होने के बाद पेट्रोल, डीजल व केरोसीन गुजरात जायेंगे। इसके लिए करीब 600 किमी की पाइप लाइनें बिछेगी, जिसका अभी सर्वे होना है। गैस ग्रिड के साथ ही बाड़मेर जाम नगर रिफायनरी से कनेक्ट रहेगा। ऐसे में पाइप लाइनों का जाल बाड़मेर से गुजरात के बीच में बिछेगा और यह कार्य आने वाले दो साल में पूरा होना है।
बाड़मेर रिफाइनरी के लिए 28000 करोड़ के निवेश किया जाएगा। 2022 तक इस कार्य को पूरा करने की प्राथमिकता है।
एम के सुराना, एचपीसीएल चैयरमैन