दरअसल देव चौधरी राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित एक गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता सुरजाराम शिक्षक रहे हैं। गांव के ही सरकारी स्कूल से पढ़ने के बाद पिता ने बेटे को साइंस विषय दिलाया और आगे के लिए उनके सपने तय किए। जिले के ही कॉलेज से साइंस स्नातक होने के बाद साल 2012 में उन्होंने अफसर बनने की ठान ली। अपने पिता और अपने गुरुजन की मदद से यूपीएससी पास करने के प्रयास शुरू कर दिए।
किन पहले तीन प्रयास में देव चौधरी सफल नहीं हो सके। वे हर बार अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन अभी मंजिल दूर थी। पिता ने उनको हिम्मत और हौंसला दिया,। कहा जहां गलती हो रही है उस पर नजर रखो और फिर से तैयारी करो…। पिता की बात मानकर चौथी बार देव चौधरी ने फिर से तैयारी की और इस बार उन्होनें झंडे़ गाड़ दिए। गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला सामान्य लड़का अब साल 2016 बैच का आईएएस अफसर है। वे गुजरात सरकार में अफसर हैं और अभी अहमदाबाद में तैनात हैं।