एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने बताया कि सुभाष चौक के पास संजय कुमार व उसके भाई अशोक के साथ हुई लूट की वारदात का पर्दाफाश कर पांच आरोपियों को गिरतार किया गया। पूछताछ में लूट की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया गया है।
आरोपियों को बापर्दा रखा गया है, न्यायालय में पेश कर शिनाख्त की कार्यवाही की जाएगी। साथ ही लूटी गई रकम बरादमगी के प्रयास किए जा रहे हैं। लूट की वारदात में पांच आरोपी होने पर मामले में डकैती की धारा जोड़ी गई है।
300 सीसीटीवी फुटेज खंगाले
एसपी के अनुसार लूट की वारदात को लेकर पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए बाड़मेर वृत्त डिप्टी रमेश शर्मा के सुपरविजन में कोतवाल लेखराज सियाग, सब इंस्पेक्टर सलीम मोहमद, डीएसटी प्रभारी अमीनखां, एएसआइ मेहाराम, डीसीआरबी प्रभारी महिपालसिंह के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन कर टास्क दिए गए। टीम के सदस्यों ने मुखबिरी व तकनीकी आधार पर पड़ताल के साथ ही शहर में लगे करीब 300 सीसीटीवी के फुटेज खंगाले गए। साथ ही टीमों ने बाड़मेर शहर, इंद्राकॉलोनी, रोहिड़ा पाड़ा, भादरेश, झणकली, बालोतरा, कल्याणपुर, लूणी,
जोधपुर समेत अन्य संभावित स्थानों पर करीब एक हजार किमी से अधिक सफर तय कर आरोपियों की तलाश की गई।
शातिर इतने कि मोबाइल रिश्तेदार के यहां रखे
आरोपियों के खिलाफ लूट या चोरी का पहला मुकदमा है, लेकिन शातिर इतने कि किसी ने भी वारदात के दौरान मोबाइल का उपयोग नहीं किया। वारदात से पहले सभी के मोबाइल एकत्रित कर एक रिश्तेदार के यहां रख दिए। जिससे लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाए। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी नशे के आदि और बदमाश हैं।
जहां से रवाना हुए, लूट के बाद वहीं पहुंचे और बांटे रुपए
पुलिस ने बताया कि पांच आरोपियों ने लूट को अंजाम देने के लिए महिला थाने के पास एकत्रित हुए और कार में सवार होकर सुभाष चौक पहुंचे। यहां बाइक पर सवार होकर रुपए से भरे बैग ले जा रहे व्यापारियों की आंखों में मिर्च पाउडर फेंकने के बाद लाठी से वार करके रुपए लूट लिए। इसके बाद सभी वापस महिला थाने के पास पहुंच गए। जहां बदमाशों ने रुपए आपस में बांटे और फिर अलग-अलग निकल गए। पूछताछ में सामने आया है कि पांच बदमाश हैं। करीब 15 दिन पहले सुभाष चौक के पास होटल पर चाय पी रहे थे, इस दौरान दो व्यापारी पहुंचे और हिसाब के बाद रुपए गिन रहे थे।
बड़ी राशि होने के चलते होटल से बाहर निकलते ही व्यापारी को लूटने का प्लान बना लिया। इसके बाद 15 दिन तक लगातार रैकी की गई। व्यापारी हवाला कारोबार से जुड़ा होने पर हमेशा नकदी लेकर बाइक पर निकलता था।