क्योंकि लाखासर स्कू ल के पास में होने से बच्चे यहां से होकर गुजरते हैं। ग्रामीणों ने यहां पत्थर की पट्टियां (छीणे) लगा कर अस्थायी सुरक्षा तो कर दी है, लेकिन अनहोनी का डर हर वक्त रहता है। पेयजल संकट मिटा नहीं परेशानी बढ़ा दी
– गौरतलब है कि गांव में पेयजल संकट के समाधान के लेकर ट्यूबवेल बनाया था। करीब १६ साल से ट्यूबवेल बना हुआ है, लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं है। एेसे में शुरू नहीं हो पाया। वहीं, खुला ट्यूबवेल हादसे को न्योत रहा है जिससे ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
और भी कई जगह एेसी स्थिति– लाखासर ही नहीं जिले में और भी कई जगह ओपन ट्यूबवेल हादसे को न्योत रहे हैं। चौहटन की ग्राम पंचायत खेमपुरा के थोरीवाला में ट्यूबवेल भी हादसे का कारण बना हुआ है। जिसको लेकर पत्रिका ने विभाग को आगाह भी किया लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुआ है। हादसे का खुला निमंत्रण– लाखासर में कई सालों से सरकारी ट्यूबवेल हादसे को खुला निमंत्रण दे रहा है। बिजली कनेक्शन के अभाव में यह स्थिति है। पास में विद्यालय होने से हर वक्त अनहोनी का डर रहता है। जल्द ही कनेक्शन करवा आमजन को राहत दी जाए।- लूम्भाराम बेनीवाल, ग्रामीण सोडियार