एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने बताया कि शहर में बढ़ती दुपहिया वाहन चोरी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए विशेष टीम का गठन किया गया। बाड़मेर वृत्त डिप्टी रमेश शर्मा के सुपरविजन में कोतवाल लेखराज, डीसीआरबी प्रभारी महिपालसिंह व डीएसटी प्रभारी प्रेमाराम के नेतृत्व में गठित टीम ने शहर में चोरी हुई बाइक घटनास्थल पर पहुंच कर करीब 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। साथ ही तकनीकी व आसूचना के आधार पर एक संदिग्ध को हिरासत में लिया।
पूछताछ के बाद पुलिस बाइक चोरी की गैंग में शामिल सदस्यों तक पहुंच पाई। पुलिस ने पर्दाफाश कर आरोपी पर्वतसिंह (22) पुत्र छुगसिंह निवासी फुलिया, जैसलमेर, गोविंद (19) पुत्र राजूराम निवासी धोलीनाडी, गुड़ामालानी, साहिल उर्फ साले मोहम्मद (19) पुत्र सावन खां निवासी वली की ढाणी, शिव व जगदीश (22) पुत्र सरुपाराम निवासी गिरल, शिव को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने शहर समेत अन्य स्थानों पर 16 बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया है। इसमें 7 बाइक नवरात्रि में गरबा आयोजन स्थलों पर भीड़भाड़ का फायदा उठाकर चोरी की। इसके अलावा बाड़मेर शहर में 14, चौहटन में 1 व एक गुजरात से चुराना स्वीकार किया है। पुलिस पूरे प्रकरण को लेकर पूछताछ कर रही है। पूछताछ में और बाइक चोरी की वारदातें खुलने की संभावना है।
पिता ने पढ़ाई के लिए भेजा
आरोपी गोविंद बाड़मेर के गुड़ामालानी क्षेत्र का रहने वाला है, पिता कर्नाटक में काम करते हैं। परिवार के सदस्यों ने बाड़मेर शहर पढ़ाई के लिए भेजा था। यहां एक निजी कॉलेज में जीएनएम के लिए प्रवेश दिलाया, लेकिन दोस्तों के साथ मिलकर मौज-मस्ती के लिए चोरी की वारदातों को अंजाम देना शुरू किया। इनके साथ साहिल व जगदीश भी शामिल है। जो भी उसके साथ मिल गए।
10 से 15 हजार रुपए में बेच देते
पुलिस ने बताया कि आरोपी मास्टर चाबी से बाइक को चोरी करते थे और फिर एक लाख की बाइक ग्रामीण क्षेत्रों में 10 से 15 हजार रुपए में बेच देते। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के निशाने पर विशेष मॉडल की बाइक रहती है। चोरी के खुलासे में हैड कांस्टेबल प्रेमाराम व कांस्टेबल जालमसिंह की विशेष भूमिका रही है।
जैसलमेर में पकड़ा, बाड़मेर में फिर चोरियां
पुलिस ने बताया कि बाइक चोरी के मामले में मुख्य सरगना पर्वतसिंह है, जिसके खिलाफ पूर्व में चोरी के मामले जैसलमेर में दर्ज है। जैसलमेर में पकड़ा जाने के बाद बाड़मेर आ गया। यहां एक मेडिकल की दुकान में काम करने के साथ ही तीन-चार दोस्तों के साथ मिलकर गैंग बनाई और चोरी की वारदातों को अंजाम देना शुरू किया।
महंगे मोबाइल और आराम
पुलिस ने बताया कि मौज-मस्ती, महंगे मोबाइल खरीदना, दोस्तों में रुतबा और आरामदायक जिंदगी जीने के लिए दोस्तों ने मिलकर गैंग बनाई और फिर शहर में बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। महज पांच माह के कम समय में 20 से अधिक चोरी की वारदातों को अंजाम दे दिया। इसमें कुछ बाइक ग्रामीण क्षेत्रों में बेच पाया और अन्य बाइक बेचने की फिराक में थे।