पैदल नहीं अब साइकिल चला स्कूल पहुंचेंगी 7. 5 लाख बालिकाएं
कोरोनाकाल की अ धिकांश अस्थियों के नहीं वारिस- कोरोनाकाल में बाड़मेर में काफी मौतें हुईं, इनमें से चालीस मौतें ऐसी है जिनकी अस्थियां परिजन का इंतजार कर रही है कि वे आएंगे और उनको मोक्ष प्रदान करेंगे, लेकिन इनके वारिस ही नहीं मिल रहे। ऐसे में कोरोनाकाल की अस्थियां एक लकड़ी के पाट पर सुरक्षित रखवाई हुई है। मजबूरी में अस्थियों को अब लोहे के पीपाें, बक्से और प्लास्टिक के डिब्बों में रखा जा रहा है।
समिति करवाएगी गंगा विसर्जन- श्मशानघाट विकास समिति ने अपील की कि परिजन को स्मरण हो तो पितृकार्य के लिए अस्थियां ले जाएं नहीं तो अस्थियों से फुल लॉकर की समस्या के समाधान लिए इस श्राद्ध पक्ष में हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप बीकानेर के सहयोग से हर की पौड़ी हरिद्वार में इन अस्थियों का विसर्जन करवाया जाएगा।
पास होने से ज्यादा चिंता पाठयक्रम पूरा होने की
परिजन ले जाएं अस्थियां- सार्वजनिक श्मशानघाट में अस्थियाें के लिए बने लॉकर फुल हो चुके हैं। 174 लॉकर है और करीब 225 अस्थि कलश यहां रखे हुए हैं। अब अस्थियां रखने में परेशानी आ रही है। परिजन से अपील है कि वे अपने पितृरों की अस्थियां लेकर जाएं अन्यथा समिति हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप बीकानेर के सहयोग से इनका विसर्जन गंगा में करवाएगी।- भैरूसिंह फुलवारिया, संयोजक श्मशान विकास समिति, बाड़मेर