सोशल मीडिया पर वायरल (
viral song ) वीडियो में एक मासूम की भारत जाने की ख्वाहिश इस कदर गीत के बोलों में उतरी है कि भारत में इसको देखने वाले सीमावर्ती लोगों का रोम-रोम गौरवान्वित (
indian proud ) नजर आ रहा है।
इन दिनों एक आठ-नौ साल के बालक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया है। यह गीत एक छोटा बालक पाकिस्तान ( pakistani ) की किसी स्कूल में बालसभा में गा रहा है। जिसमें उसके इर्दगिर्द बीस पच्चीस बालक है। वह बड़े जोश से कह रहा है कि अलबेलो इंडिया जाए..पछौ कोनी..रिमझिम-रिमझिम मांजी रेल चली है..असीं इंडिया जाऊं…आवो फोटोड़ो खिंचावो अलबेलो इंडिया जाए। जिस भाव भंगिमा के साथ इस नन्हें बालक ने पाकिस्तान की स्कूल में भारत जाने का एेलान किया है, वह वास्तव में काबिले तारीफ लग रहा है।
लोक गीत जनभावना होते हैं लोक गीत वास्तव में जनभावना होते हैं। जिस तरह का माहौल आस-पास होता है उसको गीतों में ढाल दिया जाता है। सिंधी, ढाट, लंगा, मांगणिहार गायकी की यह खासियत रही है। यह गीत सुनकर लगता है कि पाकिस्तान से भारत आने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। एेसे में घरों में भारत जाने की हौड़ के बीच में यह गीत निकला है। जिसमें एक बच्चा भी कह रहा है कि मैं इंडिया जा रहा हूं और वापस नहीं आऊंगा।
लगातार भारत आ रहे हैं सिंध के लोग पाकिस्तान के सिंध इलाके में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर लगातार ज्यादती बढ़ रही है। थार एक्सप्रेस के जरिए ये लोग भारत आने लगे हैं। इसमें मेघवाल, भील, चारण और राजपूत परिवार ज्यादा है। इन परिवारों के लिए पाकिस्तान में रहना मुश्किल हो रहा है। एेसे में वे अपने करीबी रिश्तेदारों के पास भारत आकर बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, जालौर, अहमदाबाद में बसने लगे हैं।