हसन की ओर से कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार वह करीब एक साल से अपने मायके ख्वाजा कुतुब स्थित खानकाह-ए-नियाजिया में रह रहीं है। उनकी शादी 2009 में बिहारीपुर ढाल पर रहने वाले अराफात से हुई थी। उनके दो बच्चे भी हैं। शादी में उनके घरवालों ने कार के साथ 50 लाख का दहेज दिया था। हसन का आरोप है कि उनकी शादी में ससुराल वालों को बतौर दहेज 50 लाख रुपये दिए गए थे, फिर भी वे 20 लाख रुपये और मांग रहे थे। अराफात और उनके घरवालों की ओर से 70 लाख रुपये के दहेज की मांग की गई थी।
आरोप है कि 20 लाख रुपये के लिए अराफात और उनके ससुराल वाले उनके साथ आए-दिन मारपीट करते थे। शादी के बाद भी उनके मायके वाले उनके लिए खर्च भेजते रहते थे। इसके साथ अराफात के नाम से तीन कमरों का निर्माण भी कराया था। इसके बावजूद ससुराल वाले 16 वर्ष तक उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित करते रहे।
हसन के अनुसार रोज-रोज के झगड़ों से परेशान होकर उन्होंने फरवरी 2023 में दहेज उत्पीड़न का विरोध किया तो ससुराल वालों ने उन्हें कमरे में बंद कर मारपीट की और गला दबाकर जान से मारने की भी कोशिश की। उन्होंने सूचना दी तो मायके से पहुंचे उनके परिवार वाले उन्हें घर ले आये। एक साल तक वह सुलह होने का इंतजार करती रहीं। आखिरकर शुक्रवार को महिला थाना जाकर पति समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।