वायरल वीडियो में एसओ को आत्महत्या के लिये उकसाने का बताया जिम्मेदार, दर्ज हो सकता है मुकदमा
अमरिया की 28 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता ने 6 नवंबर को जहर खा लिया था। हालत गंभीर होने पर उसे पीलीभीत के मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया और फिर बरेली के हायर सेंटर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पीड़िता का बयान, जो इलाज के दौरान रिकॉर्ड किया गया था, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में उसने आरोप लगाया था कि एसओ ब्रजवीर सिंह ने उसे जहर खाने के लिए उकसाया था। इस मामले में सीओ की जांच के बाद एसपी पीलीभीत ने एसओ को सस्पेंड कर दिया है। उनके खिलाफ दुष्कर्म पीड़िता को उकसाने के आरोप में मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है। इसको लेकर अधिकारी मंथन में जुटे हैं।
अखिलेश यादव ने भी किया सरकार पर हमला
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया पर सरकार और पुलिस पर कटाक्ष किया। पीड़िता को न्याय न मिलने पर सरकार की आलोचना की। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में इसकी जमकर चर्चा हुई। इसके बाद ही डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट अफसरों से तलब की थी। एसपी पीलीभीत ने एसओ ब्रजवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया है। उनकी जगह पर इंस्पेक्टर प्रमेंद्र कुमार को अमरिया थाने का नया प्रभारी नियुक्त किया गया है। पूरे मामले की रिपोर्ट डीजीपी को भेजी गई है।
25 मई को मुकदमा, आठ जून को एफआर
25 मई को महिला ने अमरिया थाने में अपने कथित प्रेमी के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे की विवेचना स्वयं एसओ ब्रजवीर सिंह ने की। उन्होंने मामले में जांच पड़ताल कर साक्ष्य जुटाने के बजाय सीधे आठ जून को फाइनल रिपोर्ट लगाकर मुकदमा खत्म कर दिया। इसका फायदा उठाकर युवक ने 20 अक्टूबर को दूसरी युवती से निकाह कर लिया। इसके बाद दुष्कर्म पीड़िता ज्यादा परेशान हो उठी। उसने थानाध्यक्ष से इसकी शिकायत की, लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की। सीओ की जांच रिपोर्ट में इन सभी तथ्यों का उल्लेख किया गया है। एडीजी और आईजी ने भी इस पूरे मामले में एसपी से रिपोर्ट तलब की है। एसओ अमरिया के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।