जानकारी के अनुसार मंगलवार रात 9 बजे बीफार्मा के छात्र खाना खाने के बाद छात्रावास परिसर में टहल रहे थे। इसी दौरान मेस में जा रहे बीफार्मा प्रथम वर्ष के छात्र मानस पांडे और अनुभव की द्वितीय वर्ष के छात्र आयुष सिंह चौहान, अनमोल चौधरी व शिवम सिंह से बहस हो गई। कुछ देर बाद दोनों पक्षों में मारपीट, गालीगलौज होने लगा। पत्थरवाजी हुई। पत्थर लगने से अनमोल के हाथ और पैर की अंगुली में चोट लग गई। छात्रावास के सुरक्षाकर्मी ने बीच-बचाव कराया।
मामले में मानस पांडे बुधवार को अपने परिजनों के साथ यूनिवर्सिटी पहुंचा। मुख्य नियंता प्रो. एके सिंह से मुलाकात कर रैगिंग का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की। कहा कि घटना के समय सीनियर छात्रों के पास नुकीला हथियार भी था। इस पर मुख्य नियंता ने फार्मेसी विभाग के प्रॉक्टर डॉ. एसबी तिवारी, वार्डन डॉ. पवन कुमार सिंह और डॉ. नीरज कुमार सिंह को मामले की जांच की जिम्मेदारी दी है।
अनमोल, शिवम और आयुष ने कहा कि उन पर लगाए आरोप झूठे हैं। आरोप लगाया कि मानस और अनुभव ने बातचीत के दौरान उन्हें गाली दी थी। विरोध पर अनमोल के हाथ में पत्थर मार दिया। बीच बचाव करने पर ‘बीफार्मा नहीं करने देंगे’ की धमकी दी। सुरक्षाकर्मी आ गया तो दोनों रैगिंग का आरोप लगाने की धमकी देते हुए भाग गए। प्रथम वर्ष के दोनों छात्रों ने कहा कि वे स्थानीय हैं, कहीं भी पीट देंगे।
प्रो. एके सिंह, मुख्य नियंता, रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने बताया कि कोई छात्रावास में नहीं रहता। सभी पहले से एक-दूसरे को जानते हैं। रात में किसी बात को लेकर आपस में झगड़ा हुआ। मामला रैगिंग का नहीं है। शिकायतीपत्र मिला है, आरोपों की जांच की जिम्मेदारी तीन शिक्षकों को दी गई है।