सांठगांठ का हुआ खुलासा
टैक्स विभाग में कर अधीक्षक और निरीक्षकों के बीच साठगांठ की बात सामने आई है, जिससे नगर निगम के राजस्व को करोड़ों का नुकसान हुआ है। यह मामला मेयर डॉ. उमेश गौतम के पास पहुंचने के बाद हड़कंप मच गया। जीआईएस सर्वे में फैक्ट्री पर 3.55 करोड़ रुपये का हाउस टैक्स निकलने के बाद टैक्स विभाग की इस गड़बड़ी की पोल खुली है।
व्यावसायिक भवनों पर पहले भी गड़बड़ी
नगर निगम के टैक्स विभाग में इस तरह की गड़बड़ी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई व्यावसायिक भवनों को आवासीय दिखाकर टैक्स में हेरफेर किए जाने के मामले सामने आ चुके हैं। इस घोटाले में कई अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। कत्था फैक्ट्री के मामले में भारी राजस्व नुकसान होने की पुष्टि हुई है, और इसकी जांच मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र के नेतृत्व में की जा रही है।
फैक्ट्री ने किया दावा
फैक्ट्री से जुड़े सुमिनेश सक्सेना ने बताया कि उन्हें इस टैक्स गड़बड़ी की जानकारी नहीं थी, और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ के बाद ही वे कुछ कह सकेंगे। मेयर डॉ. उमेश गौतम ने कहा, “टैक्स विभाग पहले से ही गृहकर की रिकवरी में गड़बड़ी कर रहा है। अब बिलों को कम कराने के लिए साठगांठ हो रही है। जीआईएस सर्वे में फैक्ट्री पर 3.55 करोड़ रुपये का टैक्स बनता है, लेकिन केवल 5 लाख रुपये वसूले जा रहे हैं। मामले की पूरी जांच कराई जा रही है।”