हुमायूं और रानी कर्मवती की कहानी को दोहराई जेल की दीवारों के पीछे तमाम कैदियों को
रक्षाबंधन का इंतजार रहता है और बहनें भी अपने भाइयों को राखी बाँधने के लिए जेल के बहार सुबह से ही लाइन में लग जाती है। आज भी सेंट्रल जेल और जिला जेल में बन्द भाइयों को राखी बांधने काफी तादात में उनकी बहनें पहुंचीं। किसी का भाई पंद्रह साल से सजा काट रहा है तो किसी का कुछ दिनों पहले ही जेल में बन्द हुआ है लेकिन प्यार का यह बंधन दीवारों के रोके नहीं रुकता और बहनें आंखों में खुशी और दर्द के आंसू लिए भाई को राखी बांधने के लिए आ जाती हैं। बहनों की इस भीड़ में तमाम महिलाएं नजर आई।जो सैकड़ों बरस पुरानी हुमायूं और रानी कर्मवती की कहानी को दोहराती नजर आई।
शुभ मुहूर्त की रही चिंता जेलों में राखी बांधने आई बहनों को भारी भीड़ के कारण लम्बी लम्बी लाइन में लगना पड़ा और जल्दी अपनी बारी न आते देख महिलाओं को शुभ मुहूर्त की भी चिंता रही, लेकिन उनका कहना था कि भले ही मुहूर्त निकल जाए लेकिन वो आई है तो अपने भाई को राखी जरूर बांधेगी।
एसएसपी ने भी बंधवाई राखी जनता से पुलिस के सीधे जुड़ाव के लिए खुद एसएसपी राखी बंधवाने के लिए अपने बंगले से निकले और उन्होंने पटेल चौक पर लड़कियों से राखी बंधवाई।इस दौरान पुलिस के तमाम अन्य अधिकारीयों ने भी राखी बंधवाई और लड़कियों को रक्षा का वचन दिया।
शहर विधायक ने की बसों में चैकिंग इस बार रक्षा बन्धन पर मुख्यमंत्री के आदेश पर परिवहन निगम की बसों में महिलाओं को निशुल्क यात्रा कराई जा रही है।कोई बस का कंडक्टर महिलाओं से किराया तो नहीं ले रहा है इसकी जांच करने शहर विधायक डाक्टर अरुण कुमार खुद सड़कों पर उतरे और उन्होंने लखनऊ- दिल्ली रोड पर बसों की चैकिंग।इस दौरान उन्हें किराया वसूलने की कोई शिकायत नहीं मिली।हालांकि बसों की कमी के कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना जरूर करना पड़ा।