यह भी पढ़ें– पुलिस ने पहले टरकाया, अब कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गैंगरेप का केस दरअसल बरेली के गांव बेला के रहने वाले पवन कुमार ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा कि 30 जुलाई 2019 को वो अपने भतीजे शुभ और संकेत के जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए सेक्रेटरी सुशील चंद्र के कार्यालय गए थे। वहां ग्राम प्रधान पहले से ही मौजूद थे। इन दोनों लोगों ने प्रमाणपत्र बनाने के एवज में 500 रुपए मांगे। पवन ने रकम देने से मना किया तो उसके भतीजे के जन्म का साल 2016 की जगह 1916 कर दिया। शिकायत की तो दोनों लोग गाली गलौज करने लगे।
इसके अलावा पवन के भाई का नाम शौचालय लाभार्थी के रूप में दर्ज करने के लिए पांच हजार रुपये रिश्वत मांगी। न देने पर उसके भाई को सरकारी लाभ देने से वंचित कर दिया। राशन देने में भी यह लोग मनमानी कर रहे हैं। मामले की रिपोर्ट लिखाने थाने गए तो रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की गई, जिसके बाद न्यायाधीश मोहम्मद अहमद खां ने थाना अध्यक्ष खुटार को ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है।