जाने क्या है मामला
- सांसद धर्मेंद्र यादव:
आरोप: 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान उपहार बांटने का।
मामला: बदायूं के सांसद रहते उनके खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
- विधायक आशुतोष मौर्य:
आरोप: 2022 की मतगणना के दौरान एसडीएम के साथ अभद्रता करने का।
मामला: मतगणना के दौरान सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की शिकायत दर्ज की गई थी।
कोर्ट का निर्णय
2024 में दोषमुक्त:
विशेष न्यायालय में इन मामलों की सुनवाई न्यायाधीश लीलू चौधरी ने की थी। 5 जून 2024 को दोनों नेताओं को आरोपों से बरी कर दिया गया।
शासकीय अधिवक्ता ने अपील की
फैसले के खिलाफ सरकारी वकील ने शासन से अनुमति लेकर सत्र न्यायालय में अपील दाखिल की, जिसे अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट पूनम सिंह ने स्वीकार कर लिया। अगली सुनवाई की तारीखें
सांसद धर्मेंद्र यादव का मामला: 4 जनवरी 2025। विधायक आशुतोष मौर्य का मामला: 16 जनवरी 2025।
नोटिस जारी
दोनों नेताओं और अन्य संबंधित पक्षों को न्यायालय में पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा गया है। ये मामले राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यों से जुड़े हैं। दोनों नेताओं के दोषमुक्त होने के बाद सरकार ने पुनर्विचार के लिए उच्च न्यायालय में अपील की है।