एमबीए के छात्रों की सोमवार को परीक्षा थी। सभी छात्र सुबह ही एमबीए विभाग पहुंच गये। लेकिन, कुछ छात्रों ने परीक्षा दी और कुछ ने बहिष्कार कर दिया। छात्रों ने कहा कि हॉस्टल में बिजली-पानी की बहुत परेशानी है। हम छात्रों की बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं हो पा रही है। गर्मी की छुट्टियां हो चुकी हैं। उसके बाद भी हमारी परीक्षाएं कराई जा रही हैं। यदि बी-फार्मा की परीक्षा हट सकती है तब फिर एमबीए की परीक्षाएं क्यों नहीं हटाई जा रही हैं। परीक्षा नहीं हटने से आंदोलन कर रहे छात्र और भडंक गए। इसी बीच छात्रों के समर्थन में विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी भी विश्वविद्यालय पहुंच गये।
सभी ने परीक्षा नियंत्रक का घेराव शुरू ही किया था कि समाजवादी छात्र सभा के पदाधिकारी भी बीएएमएस के छात्रों के साथ पहुंच गये। बीएएमएस के छात्रों ने सप्लीमेंट्री परीक्षा में चुनौती मूल्याकंन देने की मांग को उठाया। इस दौरान गंगाशील कॉलेज, श्री सत्या मेडिकल कॉलेज, विवेक कॉलेज, संजीवनी मेडिकल कॉलेज, धनवंतरी मेडिकल कॉलेज के छात्रों के साथ समाजवादी छात्रसभा के महानगर अभिषेक यादव, अनिकेत यादव, जिलाध्यक्ष अविनाश मिश्रा, छात्र नेता मुकेश यादव, करण सिंह, अजय मल्लिक, कार्तिक आदर्श, विशाल, धर्मवीर सिंह, विक्रांत, सुनील, तबस्सुम आदि मौजूद रहे।
बीएएमएस के छात्रों ने प्रशासनिक भवन के बाहर लापता वीसी लिखा पोस्टर देर शाम में चस्पा कर दिया। वीसी का पता बताने वाले को 51 सौ रुपये का पुरस्कार भी देने की बात कही गई है। दरअसल कुलपति व्यस्तता के चलते कई दिनों से ऑफिस में नहीं बैठ रहे हैं। परीक्षा नियंत्रक का कहना है कि कुलपति के आने पर ही वह कोई निर्णय ले पाएंगे।
छात्रों ने वीसी की गैरमौजूदगी में परीक्षा नियंत्रक के फैसला न लेने पर उनके साथ अभद्रता की। विभागाध्यक्ष के नहीं आने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए खूब नारेबाजी की। उनके कार्यालय के पर्दे फाड़ दिए। छात्रों को उग्र होता देख सुरक्षा प्रभारी सुधांशु शर्मा ने पुलिस को फोन किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्यालय का ताला खुलवाया। करीब डेढ़ घंटे बाद परीक्षा नियंत्रक बाहर निकल पाए। इस दौरान छह घंटे तक जबरदस्त हंगामा चला। पुलिस के आने के बाद ही छात्र प्रशासनिक भवन के बाहर आये।
संजीव कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक, रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने बताया कि बीएएमएस के छात्रों की मांग के संबंध में तीन दिनों में फैसला लिया जाएगा। सप्लीमेंट्री परीक्षा में चुनौती मूल्यांकन की सुविधा नहीं दी जाती है। इसलिए फैसला लेने में देरी हो रही है। एमबीए के आधे छात्र सोमवार को परीक्षा दे चुके हैं। हंगामे के चलते जिनकी परीक्षा छूटी है, उन पर बाद में विचार किया जाएगा।