तीन अस्पतालों में नहीं मिली कोई सुरक्षा व्यवस्था
- द हिन्द अस्पताल (भोजीपुरा):
आग बुझाने के कोई इंतजाम नहीं थे। फायर ब्रिगेड की एनओसी भी नहीं थी।
- पब्लिक अस्पताल (मिनी बाईपास):
यहां भी आग बुझाने की कोई सुविधा नहीं पाई गई।
एनओसी का अभाव।
- मैक्स हॉस्पिटल (बहेड़ी):
दो मंजिला इमारत होने के बावजूद आग बुझाने की कोई व्यवस्था नहीं थी।
एनओसी नहीं ली गई थी। आंशिक व्यवस्था वाले अस्पताल
- इंडियन हॉस्पिटल (रामपुर रोड):
वाटर टैंक और हौजरील सिस्टम खराब।
फायर ब्रिगेड की एनओसी नहीं थी।
- जीवनदान अस्पताल (मिनी बाईपास):
पांच हजार लीटर की जगह केवल एक हजार लीटर का वाटर टैंक मिला।
हौजरील सिस्टम खराब। एनओसी का अभाव।
- टंडन हॉस्पिटल (रामपुर रोड):
बेसमेंट में स्प्रिंकलर नहीं था।
पांच हजार लीटर की जगह केवल दो हजार लीटर का वाटर टैंक मिला।
फायर ब्रिगेड की एनओसी नहीं थी। फिर नोटिस नोटिस खेल रहा फायर ब्रिगेड झांसी में हुए हादसे के बाद, डीएम रविंद्र कुमार के निर्देश पर सीएफओ चंद्रमोहन शर्मा की अगुवाई में अग्निशमन विभाग की सात टीमें गठित की गईं। इन टीमों का उद्देश्य जिले के सभी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट करना है। मंगलवार को छह अस्पतालों को खामियां मिलने पर नोटिस जारी किए गए।