निर्माण में मापदंडों की अनदेखी
निरीक्षण के दौरान डीएम ने भवन की ऊंचाई की नपाई करवाई, जो डीपीआर के अनुसार 3.90 मीटर होनी चाहिए थी, लेकिन मौके पर यह 3.74 मीटर पाई गई। इंजीनियरों ने इसका कारण लिंटर की 0.16 मीटर मोटाई बताया। डीएम ने पीडब्ल्यूडी को परीक्षण कर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए। ईंटों की गुणवत्ता भी खराब पाई गई, जिसके कारण निर्माण कार्य पर सवाल उठाए गए।
मल्टीपरपज हॉल में भी मिली खामियां
डीएम ने अलखनाथ मंदिर परिसर में पर्यटन विकास के तहत बनाए जा रहे मल्टीपरपज हॉल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि सीढ़ियों की चौड़ाई निर्धारित मानक से कम थी और ईंटों की गुणवत्ता भी खराब थी। डीएम ने एजेंसी को निर्देश दिया कि सीढ़ियों की चौड़ाई बढ़ाई जाए और उच्च गुणवत्ता वाली ईंटों का इस्तेमाल किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने हॉल में केवल आईएसआई मार्क वाले सरिये के उपयोग की सख्त हिदायत दी।निरीक्षण के दौरान आरएम रोडवेज दीपक चौधरी और संबंधित कार्यदायी संस्था के अधिकारी भी मौजूद रहे।