रक्षा भूमि पर बने अवैध निर्माण
कैंट बोर्ड अधिकारियों के अनुसार, रक्षा भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों में कच्चे और पक्के दोनों प्रकार के निर्माण शामिल हैं। इनमें से कुछ मकानों का आंशिक हिस्सा रक्षा भूमि पर है, जबकि कई पूरे के पूरे अतिक्रमण के तहत बने हैं। यह अतिक्रमण वर्षों पुराना है, जिसे हटाने के लिए पहले भी कई बार चेतावनी दी जा चुकी है।
सदर बाजार: 61 मकानों को चिन्हित किया गया है।
आरए बाजार: तोपखाना क्षेत्र में पहले ही 12 मकानों को तोड़ा जा चुका है। अब 34 मकानों को नोटिस जारी किया गया है। बीआई बाजार: यहां 10 मकानों को नोटिस दिए गए हैं।कैंट बोर्ड के ध्वस्तीकरण नोटिस से दहशत
कैंट बोर्ड के सीईओ रविंद्र ने बताया कि अतिक्रमण करने वालों को पहले भी कई बार नोटिस जारी किए गए थे। अब उन्हें अंतिम चेतावनी दी गई है कि वे तुरंत अवैध निर्माण हटाएं। जिलाधिकारी को भी अभियान के बारे में सूचित कर दिया गया है।कैंट बोर्ड ने नोटिस जारी करने के बाद अतिक्रमण वाले मकानों पर लाल निशान लगा दिए थे। इससे लोगों में भय फैल गया है। जिन मकानों का केवल आंशिक हिस्सा रक्षा भूमि पर है, उनके मालिक खुद ही तोड़फोड़ में जुट गए हैं। वहीं, जिनका पूरा घर रक्षा भूमि पर बना है, वे अपने परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
कार्रवाई पर खर्च वसूलने की चेतावनी, अपने आप तोड़ने लगे घर
कैंट बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि लोगों ने स्वयं अतिक्रमण नहीं हटाया, तो तोड़फोड़ का खर्च उनसे वसूला जाएगा। यह चेतावनी मकान मालिकों के बीच और अधिक चिंता का विषय बन गई है। कैंट बोर्ड ने अभियान शुरू करने के लिए पुलिस बल की मांग की है। सीईओ ने बताया कि पर्याप्त पुलिस फोर्स न मिलने के कारण कार्रवाई को एक-दो दिन के लिए स्थगित किया गया है। जैसे ही बल उपलब्ध होगा, अभियान शुरू कर दिया जाएगा।कैंट क्षेत्र में कुछ लोगों ने नोटिस मिलने के बाद अपने घरों का अतिक्रमण खुद हटाना शुरू कर दिया है। इससे बचने की मुख्य वजह तोड़फोड़ का खर्च और आगामी कानूनी कार्रवाई है।