बरेली के शाही थाना क्षेत्र के गौसगंज गांव में हुए बवाल के बाद सोमवार को प्रशासन का बुलडोजर उपद्रवियों के मकानों को तोड़ने पहुंचा। आरोपी इरशाद के मकानों को बुलडोजर ने तोड़ दिया। ऐसे 16 अवैध निर्माणों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए चिन्हित किया था। जहां निर्माण किया गया है वह ग्राम समाज की जमीन बताई जा रही है। कई मकानों पर लाल निशान लग चुके हैं।
कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ तेजपाल का अंतिम संस्कार
उपद्रवियों के हमले में घायल तेजपाल ने बीती देर रात दम तोड़ दिया। तेजपाल का शव परिजन अस्पताल से घर लेकर पहुंचे, लेकिन हिंदू पक्ष के लोगों अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई पर अड़े रहे। कार्रवाई होने के बाद सोमवार को पुलिस की मौजूदगी में कड़ी सुरक्षा के बीच तेजपाल के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें, गौसगंज में 16 जुलाई को ताजिया निकालने को हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के लोगों में कहासुनी हुई थी। हिंदू पक्ष के लोगों ने मंदिर के पास ढोल बजाने को मना किया तो मुस्लिम पक्ष रंजिश मान बैठा। अगले दिन मुस्लिम पक्ष के लोगों ने मीटिंग की और प्लानिंग की तहत बवाल करने की पूरी योजना बना ली।
19 जुलाई को अब्दुल ने मीटिंग के बाद एक महिला से लेजर लाइट से छेड़छाड़ की। वहां मौजूद हीरा लाल, रुपचंद्र, लालत प्रसाद, रेवीराम, मनोहर लाल समेत अन्य लोग बैठे थे। जब लेजर लाइट का विरोध किया तो अब्दुल गाली गलौज करने लगा। 50 से ज्यादा लोगों को बुलाकर ले आया। वहां लोगों से मारपीट करने लगे और लाठी-डंडे, लोहे की रॉड से हमला कर दिया। गौसगंज गांव निवासी हीरा लाल पुत्र रामदयाल ने पुलिस को बताया था कि ढोल बजाने के लिए मना करने पर अगले दिन मुस्लिम पक्ष ने कई लोगों के साथ मिलकर मीटिंग की। उसके बाद बवाल किया गया।