मंगलवार को राम गुज्जर किला थाने से फरार हो गया था, लेकिन वह लगातार किला पुलिस और एसओजी के संपर्क में था। किला के एक चौकी इंचार्ज से उसकी 300 से ज्यादा बार बात हुई है। एसओजी के एक दरोगा से 50 और एक सिपाही से करीब 35 कॉल मिली हैं। अब इतनी कॉल करने की क्या वजह रही है, इसको लेकर जांच की जा रही है, लेकिन ये साफ है राम गुज्जर किला पुलिस और एसओजी के संपर्क में लगातार बना हुआ है।
दुकान को लेकर अमन की हुई हत्या
विपिन गुप्ता और शालू गुप्ता ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि अमन की हत्या की वजह केलाबाग की दुकानें थी, दुकानों पर ललित सक्सेना का कब्जा था। ललित सक्सेना पीलीभीत बाईपास गोलीकांड में जेल में बंद है। आरोपियों ने बताया कि फिलहाल में ही इज्जतनगर थाने से जानलेवा हमले के मामले में ललित सक्सेना ने विपिन को जेल भिजवाकर दुकानें कब्जा कर लीं। जब विपिन जेल से लौटा तो उसने फिर से दुकानें कब्जा लीं। अमन के नाम से भी इसमें एक दुकान थी। एसओजी के जरिए विपिन से उस दुकान का विवाद निपटाना चाहता था। इसलिए अमन को राम गुज्जर और पवन के जरिए बुलाया था।
पुलिस की पूछताछ में विपिन और शानू से बड़े खुलासे हुए। एसओजी के लिए अमन, राम गुज्जर और पवन मुखबिरी करते थे। तीनों दोस्त थे और इस गैंग का सरगना ललित सक्सेना है। दूसरा गैंग विपिन गुप्ता, आशू गुप्ता आदि का है। पिछले दिनों ललित सक्सेना पीलीभीत बाईपास कांड में जेल गया तो विपिन ने उसके गैंग में सेंधमारी कर पवन व राम गुज्जर को अपने साथ मिला लिया। मगर वे दोनों अमन उर्फ बिट्टू से भी मेल जोल बनाए रहे। शनिवार को अमन के पुलिस लाइन से निकलते ही वे दोनों उसे बहलाकर केला बाग ले गए, जहां विपिन ने उसे पकड़ लिया और फिर हत्या कर दी।
इस मामले में एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि किला में हुई हत्या के मामले में चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से घायल हुए हैं। जांच में कुछ अन्य नाम भी सामने आए हैं, उनकी तलाश की जा रही है। एसओजी व पुलिस की कॉल के संबंध में सीओ द्वितीय जांच कर रहे हैं।