सीडीओ की जांच में दोषी, पुलिस ने दे दी क्लीनचिट
पिछले दिनों सीडीओ और राजस्व विभाग द्वारा की गई जांच में जगतपुर लाला बेगम और नवादा शेखान में सीलिंग की जमीन पर कब्जा, बिक्री और अवैध निर्माण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद तहसील सदर के लेखपाल जय नरायन ने 15 फरवरी को बारादरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस रिपोर्ट में वुडरो स्कूल ऑफ सोसाइटी के अध्यक्ष ऋषि वानी, उपाध्यक्ष गुल वानी, पुष्पा वानी और फहम लॉन के मालिक मोहम्मद आरिफ, उसके भाई मोहम्मद शरीफ, नेतराम, द्वारिका समेत कुछ अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था। जांच के दौरान पुलिस ने मोहम्मद शरीफ और ऋषि वानी के नाम एफआईआर से हटा दिए। यह मामला जब सामने आया, तो एसएसपी अनुराग आर्य ने एसपी सिटी को इसकी विस्तृत जांच के निर्देश दिए। अब यह देखा जाएगा कि पुलिस ने ये नाम सही तरीके से हटाए या नहीं।
राजस्व विभाग की रिपोर्ट बनाम पुलिस की विवेचना
माना जा रहा है कि इस मामले में बारादरी पुलिस और आरोपियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि एफआईआर सीडीओ की उपस्थिति में राजस्व विभाग की जांच के बाद दर्ज कराई गई थी। अगर पुलिस की विवेचना सही है, तो राजस्व विभाग की रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो सकते हैं, और यदि राजस्व विभाग की रिपोर्ट सही है, तो पुलिस की जांच पर संदेह पैदा होता है।
बारादरी पुलिस में हटा दी धाराएं, तामील कराया नोटिस
यह मुकदमा सीलिंग की जमीन पर कब्जा करने, धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज तैयार करने जैसी गंभीर धाराओं में दर्ज किया गया था, जिनमें गिरफ्तारी का प्रावधान है। हालांकि, पुलिस ने विवेचना के दौरान फर्जी दस्तावेज तैयार करने और इस्तेमाल करने वाली धाराओं को हटा दिया, जिससे आरोपी जेल जाने से बच गए। पुलिस ने नोटिस तामील करवा कर आरोपियों को मदद की।