स्वास्थ्य विभाग ने गठित की कमेटी, दर्ज होगी रिपोर्ट
स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी ने दीपमाला अस्पताल पहुंचकर डॉ. सोमेश के बयान दर्ज किए। प्रारंभिक जांच में डॉक्टर पर आयुष्मान योजना के मरीजों के साथ अभद्रता और सरकार की योजनाओं के प्रति दुष्प्रचार करने का दोष पाया गया है।डॉक्टर से यह पूछा गया है कि उन्होंने जिला अस्पताल के डॉक्टरों और अधिकारियों पर किस आधार पर आरोप लगाए।
क्या है पूरा मामला?
शाहजहांपुर निवासी महिला आयुष्मान योजना के तहत दीपमाला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची थी। अस्पताल के डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा ने आयुष्मान योजना को ठगी बताते हुए महिला का इलाज करने से इनकार कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि “जिला अस्पताल में फ्री इलाज से मरीज ठीक नहीं हो सकते,” और सरकारी बजट के दुरुपयोग के गंभीर आरोप भी लगाए।
अधिकारियों और नेताओं पर लगाए आरोप
डॉ. सोमेश ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों, स्वास्थ्य अधिकारियों और नेताओं पर भी आरोप लगाए। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि जिला अस्पताल में इलाज ठीक नहीं होता और सारा बजट अधिकारियों और नेताओं द्वारा हजम कर लिया जाता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने किया ट्वीट
इस घटना पर उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा: “आयुष्मान योजना गरीबों के लिए कल्याणकारी है और पात्रों को बेहतर इलाज की सुविधा प्रदान करती है। सरकार की योजनाओं का दुष्प्रचार करने और मरीजों के साथ अभद्रता करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”
अधिकारियों का बयान
डॉ. राकेश कुमार (नोडल अधिकारी): “दीपमाला अस्पताल की आयुष्मान योजना की मान्यता रद्द कर दी गई है। शुरुआती जांच में डॉक्टर सोमेश को योजना के दुष्प्रचार और मरीजों से अभद्र व्यवहार का दोषी पाया गया है। जिस महिला मरीज को अस्पताल से निकाला गया, उसकी अगले दिन मृत्यु हो गई।”
परिवार वाले भी रिपोर्ट दर्ज करने की तैयारी में
आयुष्मान योजना के भरोसे बैठी महिला को जब डॉक्टर ने अस्पताल से बाहर निकला तब उसकी मौत हो गई। परिवार के लोग डॉक्टर के अमर्यादित और बेरहम व्यवहार को लेकर काफी दुखी है। डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी चल रही है।