कई घंटे चली खींचतान, समिति ने किया विरोध
कई घंटे तक चली खींचतान और हंगामे के बाद, जब प्रशासन ने आयोजनकर्ताओं से कहा कि खाली पड़े मंच पर पुतला दहन किया जा सकता है, तो उन्होंने मना कर दिया। देर रात तक पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।
पिछले 67 वर्षों से मॉडल टाउन में मेला आयोजित होता आ रहा था, लेकिन स्टेडियम बनने और कोविड महामारी के कारण यह परंपरा कुछ सालों के लिए बंद हो गई थी। इस दौरान लोग पार्क के बाहर छोटे आकार का रावण का पुतला जलाते रहे। इस साल आयोजन को भव्य बनाने की कोशिश की गई, लेकिन इंद्रा पार्क की देखरेख करने वाली पंजाबी विकास समिति ने इसका विरोध कर दिया।
पार्षद का बयान: चुनावी रंजिश, पुतला दहन से नहीं जुड़ा मामला क्षेत्रीय पार्षद अतुल कपूर ने कहा कि यह विवाद चुनावी प्रतिद्वंदिता का परिणाम है। उनके अनुसार, नवनीत पट्टा, जो उनसे 1,000 वोटों से चुनाव हार गए थे, लगातार उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुतला दहन को लेकर उनकी कोई शिकायत नहीं थी, और वह इस परंपरा के समर्थन में थे। नगर निगम ने पार्क के भीतर आयोजन की अनुमति नहीं दी, लेकिन उन्होंने खुद सुझाव दिया था कि पार्क के बाहर पुतला दहन किया जा सकता है। अतुल कपूर ने स्पष्ट किया कि यह विवाद पंजाबी विकास समिति और पंजाबी युवा मंच के बीच का है, और उन्हें इसमें बेवजह घसीटा जा रहा है।
रावण के पुतले पर लगाया गया पोस्टर दिन में रावण के पुतले पर एक पोस्टर भी चिपकाया गया था जिसमें लिखा था, “मैं इस बार नहीं जलूंगा, गद्दारों ने मुझे बचा लिया है। इस बार बुराई ने अच्छाई पर जीत हासिल की है।” इस पूरे मामले के कारण बारादरी थाने में दिन में पंचायत भी हुई, लेकिन अंततः पुलिस-प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए पुतला दहन रोक दिया।