पहने जाने लगे अब हल्के कपड़े
कुछ समय पहले तक हल्की सर्दी का अहसास बने रहने के कारण गर्म कपड़ों से निजात नहीं मिल पा रही थी। लेकिन गर्मी का जोर बढ़ने के साथ ही अब लोग हल्के सूती कपड़े पहनने लगे हैं।
नकाबपोश बनने लगे वाहन चालक
गर्मी की दस्तक के साथ ही दुपहिया वाहन चालक दोपहर के समय सूरज की तपिश से बचने के लिए नकाबपोश बनने लगे हैं। खासकर युवतियां तो पूरे मुंह और बालों को ढंककर वाहन चलाने लगी हैं।
कभी तेज-कभी कम
गर्मी का अहसास बढऩे के साथ ही लोग इससे निजात पाने के जतन करते दिखाई देने लगे हैं। घरों व दुकानों में पंखे व कूलर चलना शुरू हो गए हैं। हालांकि अभी इनकी रफ्तार गर्मी के अहसास पर निर्भर है। गर्मी का अहसास बढ़ने पर इसकी रफ्तार बढ़ जाती है तो गर्मी कम लगने पर इनकी रफ्तार कम या बंद कर दी जाती है। गर्मी को देखते हुए बाजार में पंखे-कूलर, फ्रिज, एसी आदि की मांग बढ़ गई है। इलेट्रॉनिक उत्पादों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है। दुकानों में ग्राहकों की मांग के मुताबिक विभिन्न उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।
बदला जायका
गर्मी की दस्तक के साथ ही लोगों का जायका बदलने लगा है। लोगों को ठंडे फल, शीतल पेय पदार्थ, आइस्क्रीम और मौसमी ठंडे फल आदि भाने लगे हैं, इसके चलते इनकी बढ़ती मांग को देखते हुए शहर के विभिन्न स्थानों पर इनकी दुकानें खुलने लगी हैं। जहां लोगों को फल आदि खरीदते और शीतल पेय व आइस्क्रीम का लुत्फ उठाते हुए देखा जा सकता है।
गर्मियों के मौसम में गन्ने का जूस किसे नहीं भाता
पुदीना के साथ गन्ना रस पीना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है गर्मियों में गन्ने का जूस न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि अपने औषधीय गुण के कारण शरीर की रक्षा भी करता है। गन्ने का जूस थकान को दूर करता है और शरीर को अंदर से शीतलता प्रदान करता है साथ ही कई बीमरियों से भी बचाता है। यह दांतों की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक की रोकथाम कर सकता है। इसमें अच्छी मात्रा में काइब्रोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, आयरन, पोटेशियम और एनर्जी ड्रिंक में मिलने वाले सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो शरीर को कई तरीके के लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। कस्बे में गर्मी को देखते हुए गन्ने की मशीनें चलना प्रारंभ हो गई है। गर्मी में गन्ने का रस पीने से लोगों को राहत महसूस होती है। वजन घटाने के प्राकृतिक नुस्खे के रूप में आप गन्ने के रस का सेवन शुरू कर सकते हैं। गन्ना फाइबर से युक्त होता है, जो शरीर से अतिरिक्त चर्बी को हटाने का काम कर सकता है। इसका फाइबर शरीर में फैट को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। मधुमेह के मरीज गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं। गन्ने का रस आइसोमाल्टुलोज से समृद्ध होता, इसे जापान और कई एशियाई देशों में शक्कर के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। आइसोमाल्टुलोज में ग्लाइसेमिक कम होता है। यानी इसका इस्तेमाल मधुमेह के मरीज कर सकते हैं। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स डायबिटीज के मरीजों में रक्त शर्करा नियंत्रण करता है और मरीजों को अन्य पोषण भी प्रदान करता है।
गन्ने का रस लीवर को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसे पीलिया के इलाज के रूप में सुझाया जाता है। गन्ने का रस शरीर में खोए हुए प्रोटीन और पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। गन्ने का रस रेचक गुण प्रदर्शित करता है, इससे कब्ज से राहत मिलती है। यह निर्जलीकरण में सहायक होने के साथ शरीर के विभिन्न रोग में लाभदायक होता है।
– डॉ चंद्रभान श्रीवास्तव, आयुर्वेद चिकित्सक