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Rajasthan Budget: गृहणियां बोली- महंगाई कम हो, रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम कम होने चाहिए

महिलाओं व गृहिणियों ने बजट को लेकर चर्चा की और अपने विचार प्रकट किए। महिलाओं ने खाद्य सामग्रियों पर बढ़ रही लगातार महंगाई पर राजस्थान पत्रिका के संवाद कार्यक्रम में खुलकर अपने सुझाव दिए और सरकार से बजट में इस पर राहत देने की मांग की।

बारांJun 28, 2024 / 07:58 am

mukesh gour

राजस्थान सरकार के जुलाई माह में आ रहे बजट को लेकर राजस्थान पत्रिका द्वारा चलाए जा रहे संवाद कार्यक्रम के तहत गुरुवार को पंचायत समिति प्रधान नागर के आवास पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं व गृहिणियों ने बजट को लेकर चर्चा की और अपने विचार प्रकट किए। महिलाओं ने खाद्य सामग्रियों पर बढ़ रही लगातार महंगाई पर राजस्थान पत्रिका के संवाद कार्यक्रम में खुलकर अपने सुझाव दिए और सरकार से बजट में इस पर राहत देने की मांग की।

राजस्थान सरकार के जुलाई माह में आ रहे बजट को लेकर राजस्थान पत्रिका द्वारा चलाए जा रहे संवाद कार्यक्रम के तहत गुरुवार को पंचायत समिति प्रधान नागर के आवास पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं व गृहिणियों ने बजट को लेकर चर्चा की और अपने विचार प्रकट किए। महिलाओं ने खाद्य सामग्रियों पर बढ़ रही लगातार महंगाई पर राजस्थान पत्रिका के संवाद कार्यक्रम में खुलकर अपने सुझाव दिए और सरकार से बजट में इस पर राहत देने की मांग की।

अटरू. राजस्थान सरकार के जुलाई माह में आ रहे बजट को लेकर राजस्थान पत्रिका द्वारा चलाए जा रहे संवाद कार्यक्रम के तहत गुरुवार को पंचायत समिति प्रधान नागर के आवास पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं व गृहिणियों ने बजट को लेकर चर्चा की और अपने विचार प्रकट किए।
महिलाओं ने खाद्य सामग्रियों पर बढ़ रही लगातार महंगाई पर राजस्थान पत्रिका के संवाद कार्यक्रम में खुलकर अपने सुझाव दिए और सरकार से बजट में इस पर राहत देने की मांग की। प्रधान नागर ने पत्रिका दौरा बजट को लेकर चलाए जा रहे संवाद कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि सामाजिक सरोकारों में आगे बढकऱ आमजन से सभी मुद्दों पर चर्चा परिचर्चा करवारकर समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का कार्य करती है। महंगाई को लेकर ग्रहणियों से संवाद कार्यक्रम करवाया, यह सराहना के योग्य है।
राजस्थान पत्रिका के इस संवाद कार्यक्रम में ग्रहणियों ने रसोई में आने वाले रोजमर्रा की खाद्य सामग्रियों को लेकर आसमान पर छू रही मंगाई पर चर्चा करते हुए जुलाई माह में आ रहे बजट से अपेक्षाएं करते हुए बताया कि जिस प्रकार से सरकार द्वारा मंगाई पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। ऐसे में सभी चीजों के दाम ोदोगने हो गए हैं। आज चाय की पत्ती, साबुन, पेस्ट, हल्दी, धनिया, नमक, मिर्च, लहसुन, प्याज सहित अन्य कॉस्मेटिक आइटम पर दुगनी रेट होने पर घर का खर्च चलाना भारी हो गया है।
इसी प्रकार चना की दाल, तुअर की दाल, मूंगफली का तेल, सभी के भाव आसमान छू रहे हैं। इन सभी खाद्य वस्तुओं व कॉस्मेटिक आइटम की दर पर टैक्स में राहत देकर बढ़ती हुई महंगाई पर काबू कर लिया जाए तो मध्यम वर्ग के लोगों को घर का खर्च चलाने में परेशानी नहीं होगी। अगर इसी प्रकार महंगाई की दर बढ़ती गई तो एक दिन भूखे रहने की नौबत आ जाएगी।
किराना व्यापारी सुरेश खंडेलवाल, ललित अदलक्खा ने बताया कि चना की दाल 60 से बढकऱ 85 रुपए किलो, तुअर की दाल 110 से 180, मूंगफली का तेल 140 से 210 ,जीरा 200 से 4 00, काली मिर्च 500 से 8 00, चाय की पत्ती 65 से 120 वही घी 420 से 550 रेट हो गया है। इसी प्रकार सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि हरी मिर्च डेढ़ सौ रुपए किलो, आलू 40 रुपए किलो, टमाटर 50 रुपए किलो, भिंडी 60 रुपए किलो, बैगन 80 रुपए किलो, कद्दू 40 रुपए किलो चल रहे हैं। इस प्रकार सभी के भाव बढ़ने से सब्जी खरीदने वाली महिलाएं घर का बजट नहीं बिगड़े, इसको लेकर एक किलो की जगह आधा किलो लेकर ही काम चला रही हैं।
प्रधान वंदना नागर ने कहा कि बढ़ती हुई महंगाई दर सरकार का नियंत्रण नहीं होने से दिनों दिन महंगाई आसमान छूती जा रही है। इसके कारण पहले महीने भर का राशन आता था अब उतने ही दाम में 15 दिन का आ रहा है इस हालत में घर खर्च चलना मुश्किल हो गया है। इस महंगाई पर नियंत्रण किया जाए तो ग्रहिणी महिलाओं को घर खर्च चलाने में राहत मिलेगी।
अंजना ने कहा कि जुलाई में सरकार बजट से राहत पहुंचाए। रसोई के सामानों पर बढ़ रही दर पर अंकुश लगाया जाए। महंगाई कम करके खाद्य सामानों पर राहत प्रदान की जाए तो महिलाओं को खासी राहत मिलेगी।
भावना ने बताया कि गैस, बिजली की दर कम की जाए। रोजाना रसोई में काम आने वाले करने के सामानों पर टैक्स में छूट दी जाए। इससे आम आदमी को राहत मिलेगी और इस बढ़ रही महंगाई की मार नहीं झेलना पड़ेगा।
कांतिबाई ने बताया कि आज से हम 20 वर्ष पहले ?50 में थैला भरकर हफ्ते भर की सब्जी हाट से लेकर आते थे। यह हफ्तेभर चलती थी। आज 1000 हजार में भी हफ्ते भर की सब्जी नहीं आ रही है। इसी से अंदाजा लगाओ कि महिलाएं इस बढ़ती हुई महंगाई में घर का खर्च कैसे चला रही होंगी।
अनिता ने बताया कि सरकार ने सभी वस्तुओं पर टैक्स लगाकर महंगाई को बढ़ा दिया गया। टैक्स की राशि को रेवडिय़ों की तरह निशुल्क बांटा जा रहा है। इसी राशि को खाद्य सामानों की दर पर छूट देकर राहत दी जाए तो रसोई में आने वाले सामान महिलाओं की पहुंच से दूर नहीं होगा। और यही हालात रहे तो खाने-पीने की वस्तुओं में कटौती करके घर खर्च चलाना पड़ेगा।
मनोरमा बाई ने बताया कि महंगाई बढऩे से घर की आय तो बढ़ी नहीं, लेकिन घर के हालात यह हो गए हैं कि पहले 1 किलो दूध लेते थे, अब आधा किलो लेना पड़ रहा है। सब्जी 1 किलो से आधा किलो ले रहे हैं। इसी प्रकार किराने के सामानों में कटौती करके घर का काम चलाना पड़ रहा है। आगे महंगाई के यही हालात रहे तो भगवान ही मालिक है।
मोना नागर ने बताया कि रसोई में काम आने वाली सभी वस्तुओं पर महंगाई के कारण दर बढ़ गई और इसको लेकर घरों के हालात खराब होते जा रहे हैं। रसोई में काम आने वाली सभी वस्तुएं ऐसी हैं इनके बिना काम भी नहीं चल सकता। इसलिए सरकार से आग्रह है कि रसोई में काम आने वाली सभी वस्तुओं पर बढ़ रही महंगाई पर नियंत्रण करके बढ़ रही दरों में कटौती करवा कर राहत दिलाई जाए।

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