इस दौरान सरसंघचालक ने कहा- ‘भारत पहले से ही एक हिन्दू राष्ट्र’ ‘उसको और उन्नत, सामर्थ्यवान तथा बलशाली बनाना है।’ शाखा से समाज को जोड़ने के सूत्र बताते हुए भागवत ने कहा ‘अपरिचित से परिचय बढ़ाना, परिचित को मित्र बनाना, मित्र को स्वयंसेवक बनाना चाहिए’ ‘नित्य शाखा से ही समाज के लिए योग्य स्वयंसेवक निर्मित होंगे।’
इससे पूर्व गुरुवार सुबह भागवत कोटा रोड स्थित अपने अस्थाई निवास से कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह 8.50 बजे धर्मादा धर्मशाला में पहुंचे। यहां पर चितौड़ प्रान्त के विभिन्न जिलों से आए करीब चार दर्जन प्रचारकों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
करीब तीन घंटे चली बैठक के बाद उन्होंने दोपहर में प्रचारकों के साथ ही भोजन किया। यहां विश्राम के बाद शाम करीब साढ़े पांच बजे शहर के झालावाड़ रोड पर हाउङ्क्षसग बोर्ड कॉलोनी स्थित माधव विद्यार्थी शाखा में शामिल हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि मोहन भागवत का चार दिवसीय बारां प्रवास हैं। इससे पूर्व सरसंघचालक मोहन भागवत 13 से 17 सितंबर तक अलवर जिले के प्रवास पर रहे।