अस्पताल चौकी पर तैनात कांस्टेबल सुकेश चौधरी ने बताया कि मांगरोल निवासी ज्योति (18) बुधवार शाम करीब पांच बजे एक बस में सवार होकर बारां से मांगरोल जा रही थी। उसने बस की खिड़की से हाथ बाहर निकाला हुआ था। इसी दौरान बड़ा बालाजी के समीप सामने से आ रही एक ट्रैक्टर-ट्रॉली की चपेट में आने से ज्योति का हाथ कटकर अलग हो गया। बस चालक ने उसे वही उतार दिया। बाद में किसी परिचित ने मदद कर उसे जिला अस्पताल पहुंचाया। यहां चिकित्सकों ने स्थिति देखकर तत्काल कोटा के लिए रैफर कर दिया।
इस पर पीएमओ को अवगत कराते हुए नि:शुल्क एम्बुलेंस की व्यवस्था कर युवती को यहां से रवाना किया गया। सूचना पर उसके परिजन अस्पताल पहुंच गए थे। बस के समीप से क्रॉस करने वाली ट्रॉली में ऊंचाई तक लोहे के एंगल लगे हुए थे युवती करीब आधा घंटे तक मौके पर ही दर्द से तड़पती रही।
इसी दौरान वहां से गुजर रहे किसी परिचित ने मानवता दिखाते हुए उसे अस्पताल पहुंचाया। लेकिन ज्योती ने हिम्मत नहीं हारी, यहां अस्पताल में पुलिस से कहा, मेरी मम्मी से बात करा दो। कुछ देर बाद माता-पिता अस्पताल पहुंचे। बेटी का हाल देखकर मां बेहोश हो गई थी।
नहीं जोड़ पाए हाथ
डॉक्टर रितेश जैन ने बताया कि मरीज ज्योति उनके अस्पताल में आई है, लेकिन देरी होने के कारण उसका हाथ नहीं जोड़ पाए, फिर हाथ को बिना जोड़े ही बंद कर दिया। क्योकि ऐसे केस में मरीज यदि दो घण्टे के अंदर अस्पताल पहुंच जाए तो ही ऑपरेशन हो सकता है। देरी के कारण ऐसे केस में मरीज की जान को खतरा रहता है।