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नवाचार : सरसों की खेती के साथ ही मधुमक्खी पालन देगा किसानों को अतिरिक्त मुनाफा

क्षेत्र में किसान सरसों की फसल के साथ ही तलहटी क्षेत्र सेमली, कुंजाय, संदोकडा, टांडा काछियान में मधुमक्खी पालन के बॉक्स लगाकर कच्चे शहद का संग्रहण कर रहे हैं।

बारांDec 03, 2024 / 01:11 pm

mukesh gour

क्षेत्र में किसान सरसों की फसल के साथ ही तलहटी क्षेत्र सेमली, कुंजाय, संदोकडा, टांडा काछियान में मधुमक्खी पालन के बॉक्स लगाकर कच्चे शहद का संग्रहण कर रहे हैं।

क्षेत्र में किसान सरसों की फसल के साथ ही तलहटी क्षेत्र सेमली, कुंजाय, संदोकडा, टांडा काछियान में मधुमक्खी पालन के बॉक्स लगाकर कच्चे शहद का संग्रहण कर रहे हैं।

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bee keeping : कस्बाथाना. कस्बाथाना क्षेत्र में किसान सरसों की फसल के साथ ही तलहटी क्षेत्र सेमली, कुंजाय, संदोकडा, टांडा काछियान में मधुमक्खी पालन के बॉक्स लगाकर कच्चे शहद का संग्रहण कर रहे हैं। बड़े मुनाफे के इस कारोबार की सफलता पर गौर करें तो 20 बॉक्स से मधुमक्खी पालन करने वाले युवा एक साल में एक लाख रुपए की आय अर्जित कर सकते हैं। कॉलोनियों की संख्या बढऩे के अनुपात में शहद के कारोबार का मुनाफा बढ़ता जाता है। इस वर्ष सरसों की फसल में फ्लोरा आने से पहले ही कस्बाथाना क्षेत्र के तलहटी गांवों में अलग-अलग स्थानों पर मधुमक्खी का कॉलोनियां बनाकर मधुमक्खी पालन कर रहे हैं, ताकि सरसों के फ्लोरा से कच्चे शहद का संग्रहण किया जा सके। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक दिसंबर से सरसों में फ्लोरा आना शुरू हो जाता है। सरसों की फसल कटने के बाद कुछ क्षेत्रों में किसान वर्सीम डाल देते हैं। इससे मधुमक्खियों को अप्रैल से मई तक फ्लोरा मिलता है।
क्षेत्र में 2957 हैक्टेयर में सरसों की फसल की बुवाई की गई है। सरसों से कृषकों को कम लागत में अधिक मुनाफा होता है, मधुमक्खियां सरसों की फसल में परागण का काम करती हैं। जिससे उत्पादन में भी वृद्धि होती है।
राजकुमार मेहता, सहायक कृषि अधिकारी, कस्बाथाना

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