हल्के बिस्किट से हो सकता है नुकसान शिशु रोग विशेषज्ञ की माने तो बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में उन्हेंं हल्का आहार या घटिया आहार देने से उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। बीते दिनों महाराष्ट्र के संभाजीनगर में स्कूल में बिस्किट खाने से करीब 250 बच्चों को फूड प्वाइजङ्क्षनग हो गई थी। इसके बाद सभी को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया था। नियमानुसार मां-बाड़ी केंद्र में एक समय नाश्ता और एक समय खाना दिया जाता है।
सरकार ने इसलिए की थी यह योजना शुरू सरकार ने यह योजना टीएसपी क्षेत्र के उन आदिवासी परिवारों के लिए शुरू की थी। जो कृषि कामकाज के कारण घर से बाहर रहते हैं और घर में बच्चों की परवरिश नहीं हो पाती। ऐसे परिवारों के बच्चों को मां बाड़ी केंद्रों में भेजकर उनके भोजन व पढ़ाई की व्यवस्था सरकार करती है। बच्चों को नाश्ता और दोपहर के भोजन के साथ पोशाक व स्वेटर आदि उपलब्ध कराया जाता है।
कोटेशन में ब्रांडेड बिस्किट, बांट रहे हल्के बारां सहकारी उपभोक्ता भंडार से कोटेशन के अनुसार ब्रांडेड के 329 मां-बाड़ी केन्द्रों पर बिस्किट का वितरण होना है। लेकिन, संवेदक इन बिस्किट की जगह हल्के ब्रांड के बिस्किट के पैकेटों का वितरण कर रहा है। मतलब कोटेशन के हिसाब से लोकल बिस्किट की सप्लाई की जा रही है। इन बिस्किटों के खाने से मासूम बच्चे फूड पॉइजङ्क्षनग के शिकार भी हो सकते है। आपको बता दें कि एक मां-बाड़ी केन्द्र पर 1500 बिस्किट के पैकेटों की सप्लाई होनी है। पूरे बारां जिले में करीब 5 लाख बिस्किट के पैकेटों का वितरण होना है। बारां जिले में करीब 9000 बच्चे अध्यनरत हैं।
अगर कहीं कोई हल्की क्वालिटी के बिस्किट या कोई अन्य सामग्री सप्लाई की जा रही है तो उस सप्लाई को वापस करवाया जाएगा। स्वच्छ परियोजना के अधिकारियों को पाबंद कर हिदायत दी जाएगी कि भविष्य में ऐसी सप्लाई न हो।
जब्बार सिंह, अतिरिक्त जिला कलक्टर, सहरिया विकास परियोजना, शाहाबाद जो सप्लाई आई है, उसकी जांच कर उसे वापस किया जाएगा अगर लोकल कंपनी का सामान आया है तो आगे से ऐसा नहीं होगा। आगे से सप्लाई ठीक दी जाएगी
दीपक सिंह, महाप्रबंधक उपभोक्ता भंडार होलसेल, बारां