सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार की ओर से सामूहिक विवाह अनुदान योजना के तहत सम्मेलन में कम से कम 10 और अधिकतम 500 जोड़ों को अनुदान देने का प्रावधान है। सम्मेलन में वधु को 21 हजार व आयोजक संस्था को प्रति वधु 4 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि महिला अधिकारिता विभाग देता है। यहां बारां शहर में गत 26 मई को करीब 2200 जोड़ों का सर्वधर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन हुआ था। इस कारण नियमानुसार 500 बेटियों को ही अनुदान मिल सकता है, लेकिन इससे अधिक होने पर फिलहाल अनुदान में दिक्कत है।
सूत्रों के अनुसार अनुदान के सम्बंध में यूं तो आयोजक संस्था की ओर से आवेदन नहीं किया गया है, लेकिन आयोजन के प्रेरक खान और गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया की ओर बेटियों को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से नियमों में शिथिलता के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इसके बाद आवेदन प्रक्रिया को पूर्व की तरह ऑफ लाइन तो कर दिया गया है। अब सिर्फ अधिकतम 500 जोड़ों को अनुदान स्वीकृत किए जाने की बाध्यता समाप्त करने का मामला शेष है।
2020-21 8205000 487
2021-22 12375000 628
2022-23 927000 47
कुल 2157000 1162 आयोजक संस्था को 10 लाख के अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान
महिला अधिकारिता विभाग की ओर से उक्त योजना के सम्बंध में परिपत्र जारी किया हुआ है। इसमें अधिकतम 500 जोड़ों को अनुदान राशि स्वीकृत की जा सकती है। शहर में एक संस्था की ओर से कराए गए सर्वधर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन में करीब 2200 में से राजस्थान में रहने वाली करीब दो हजार बेटियों का विवाह हुआ है। इससे करीब चार करोड़ का अनुदान बनता है। सर्वधर्म जातियों का सामूहिक विवाह सम्मेलन के लिए आयोजक संस्था को दस लाख के अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान है। नियमों में शिथिलता की आवश्यकता है। हालांकि स्थानीय मंत्री प्रमोद जैन भाया ने नियमों में शिथिलता देने को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।