दिशा-निर्देश के मुताबिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर स्कूल न जाने वाली किशोरियों को आईएफए ब्लू टैबलेट का मासिक/साप्ताहिक वितरण करेंगी। इस दौरान वह सोशल डिस्टेंशिंग का पूर्ण पालन करें। टैबलेट वितरण का विवरण भी पंजिका पर दर्ज करने को कहा गया है। इससे अगले माह की आपूर्ति का वितरण करने से पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा पहले बांटी गयीं गोलियों के उपभोग की स्थिति का भी पता आसानी से चल सकेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक-किशोर स्वास्थ्य का कहना है कि किशोरियों में खून की कमी न होने पाए इसके लिए जरूरी है कि वह आईएफए टैबलेट का समय से सेवन करती रहें। इसी को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है ताकि वह इससे वंचित न होने पाएं। इसके अलावा किशोर-किशोरियों को अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखने और साफ़-सफाई पर ध्यान देने के बारे में भी आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गृह भ्रमण के दौरान जागरूक किया जा रहा है। उनको बताया जा रहा है कि किशोरावस्था शारीरिक बदलाव का वह दौर होता है, जिसमें खानपान पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है। भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों को जरूर शामिल करें। कोरोना वायरस के संक्रमण की जद में आने से बचने के लिए उन्हें घर पर ही रहने, साबुन-पानी से बार-बार हाथ धोने, सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करने और मास्क पहनने के बारे में भी बताया जा रहा है। किशोर-किशोरियों से यह भी कहा जा रहा है कि वह अपने साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों को भी इस बारे में जागरूक करें ताकि कोरोना को हराने में देश सफल हो सके।