वर्ष 1986 से खेती कर रहे राम सरन वर्मा ने किसानी को ही अपने जीवन का आधार बनाया है। कम लागत से ज्यादा उत्पादन करने वाले रामसरन केला, टमाटर, आलू और मेंथा की खेती करते हैं। देश-विदेश के कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ ही आईएएस, पीसीएस प्रशिक्षु भी इनसे प्रगतिशील खेती का गुर सीखने और समझने आते हैं।
रामसरन वर्मा ने कहा कि उन्हें मिला पद्मश्री अवार्ड देश के सभी किसानों को समर्पित है। इस सम्मान से देश के करोड़ों किसानों को हमारी जैसी आधुनिक खेती करने का बल मिलेगा। इन्हें भी मिला सम्मान
गरीबों के लिए जबड़े की सस्ती सर्जरी की तकनीक ईजाद करने वाले केजीएमयू के प्रोफेसर शादाब मोहम्मद और लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बृजेश कुमार शुक्ला को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनके अलावा जैविक खेती से पहचान बनाने वाले किसान भारत भूषण त्यागी, बिरहा सम्राट हीरालाल यादव, जलतरंग के पुरोधा राजेश्वर आचार्य, वाराणसी की प्रशांति सिंह और डॉ. रजनीकांत को पद्म सम्मान से नवाजा गया है।