यदि हड़ताल के दौरान मौसम विकट रूप धारण कर लेता है तो बिजली कटौती का दर्द आमजन को भुगतना पड़ेगा। क्योंकि इन समस्त जीएसएस पर पर्याप्त विभागीय कार्मिकों की फौज नहीं है। जो समस्या का समाधान जल्द दे सके। ऐसे में इन कार्मिकों को सेवा में रहना आमजन के लिए महत्तवपूर्ण नजर आता है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि ये छह जीएसएस जिले के तकरीबन 70 फीसदी इलाके में बिजली आपूर्ति क्षेत्र को कवर करते हैं।
वेतन के अभाव में घर चलाना मुश्किल
परतापुर जीएसएस के हेमंत सुथार बताते हैं कि वेतन न मिलने के कारण कार्मिकों को घर चलाना मुश्किल हो गया है। इस कारण मंगलवार को द्वितीय शिफ्ट से हड़ताल पर उतरने की बात कही है। जिले के विभिन्न जीएसएस में ये समस्त कार्मिक एक निजी संस्था के जरिए सेवाएं देते हैं। इस वर्ष जनवरी माह में संस्था को कार्य संपादित करने की जिम्मेदारी विभाग के द्वारा दी गई। इसके बाद से ही वेतन को लेकर समस्याएं खड़ी हो रही हैं।
इस बार फिर संस्था के द्वारा समस्त कार्मिकों को मई और जून का वेतन नहीं दिया गया है। इसको लेकर कई बार संस्था और विभाग में गुहार लगाई गई है पर कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में 16 जुलाई को द्वितीय शिफ्ट में कार्य बहिष्कार की चेतावनी भी दी गई।
परतापुर 132 केवी जीएसएस पर कार्यरत सुपरवाइजर हेमंत पाटीदार ने बताया कि जनवरी से लेकर जून माह के महज छह माह के अंतराल में वेतन को लेकर समस्याएं उपज चुकी हैं। पूर्व में भी कई बार अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया गया पर कोई समाधान नहीं हुआ। जीएसएस बागीदौरा, पालोदा, परतापुर, पीपलवा, घाटोल एवं कुशलगढ़ में हड़ताल पर उतरेंगे।
जल्द होगा वेतन का भुगतान
कुछ दिक्कतों के चलते कार्मिकों के वेतन में देरी हुई है। संस्था की ओर से वेतन भुगतान की प्रक्रिया पूर्ण होने की कगार पर है। जल्द ही कार्मिकों का भुगतान कर दिया जाएगा। जयसिंह, मैनेजर, सेवा प्रदाता संस्था