प्रदेश में हुआ पंजीयन
मवेशी – पंजीयन संख्यागाय- 132738
भैंस- 162316
बकरी- 39361
भेड- 14482
ऊंट- 453
ऊंटनी- 1005
(17 जनवरी तक पंजीयन के आधार पर)
इन चार जिलों का अच्छा प्रदर्शन
जिला – लक्ष्य – पंजीयन – प्रतिशतबांसवाड़ा – 36585 : 17758 : 48.54 फीसद
केकड़ी – 24700 : 10933 : 44.26 फीसद
जयपुर (ग्रा.) – 50800: 21143 : 41.62 फीसद
ब्यावर – 16300:6603 : 40.51 फीसद
डूंगरपुर – 37700 : 13717 : 36.98 फीसद
21 लाख का लक्ष्य] कर सके सिर्फ साढ़े तीन लाख
योजना को सफल बनाने के लिए प्रदेश के समस्त जिलों में 21 लाख मवेशियों का बीमा के लिए पंजीयन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसकी तुलना में पूरे जिले में सिर्फ 3 लाख 50 हजार 355 मवेशियों के बीमा के लिए पंजीयन कराया जा सका है। इसमें भी सबसे अधिक 50 फीसदी पंजीयन भैंसों के लिए कराया गया है। जिनकी संख्या 1 लाख 62 हजार 616 है।राजस्थान के ‘जहाज’ भी निराश
राजस्थान के जहाज के नाम से प्रचलित ऊंटों के मालिक भी इस योजना को खासा पसंद नहीं कर रहे हैं। इस कारण प्रदेश में सिर्फ 1458 ऊंटों का पंजीयन योजना के लिए हुआ है।ऐसे समझें मंगला बीमा योजना
योजना के तहत राज्य के गाय, भैंस, भेड़, बकरी व ऊंट पालक पशुपालक परिवारों के पशुधन का रिस्क कवर होगा एवं पशुओं की आकस्मिक मृत्यु पर पशुपालक परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान होगा।22 जनवरी तक करा सकते हैं पंजीयन
मंगला पशु बीमा योजना के तहत पशुपालक उनके पशुपालकों का पंजीयन 22 जनवरी तक करा सकते हैं। बांसवाड़ा में अधिक से अधिक पशुपालकों को लाभ दिलाने के प्रयास किए गए।डॉ . विजय सिंह भाटी, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, बांसवाड़ा
Hindi News / Banswara / राजस्थान के पशुपालकों को रास नहीं आ रही मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना, पर बांसवाड़ा है अव्वल