यह है पूरा मामला ( Banswara Crime News ) सीआई बाबूलाल मुरारिया ने बताया कि 23 फरवरी को पूर्व सरपंच नारायणलाल ने इत्तला दी कि कापडि़या में चचेरे भाइयों में बहन के नातरे के पैसों को लेकर पत्थरबाजी हुई। इनमें बीच-बचाव में आई हुरा पत्नी स्व. परतु चरपोटा की सिर मे चोट लगने से मृत्यु हो गई। इस पर मौका मुआयने के बाद शव को एमजी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया।
दूसरे दिन गांव के प्रकाश पुत्र चंदणा चरपोटा ने रिपोर्ट दी। इसमें उसने बताया कि उसके एक भतीजा अंसु व दो भतीजियां पिंकी और आशा हैं। पिंकी की शादी पहले देवगढ़ में हुई। फिर पिंकी गढ़पठान गांव में दूसरे के साथ नातरे चली गई। इसका भांजगड़ा कैलाश पुत्र स्व. कालू चरपोटा और अंसु पुत्र परतु ने किया। इनमें रुपयों का लेन-देन शेष रह गया, जिससे विवाद चल रहा था। इसी बात को लेकर कैलाश व अंसु में झगड़ा हुआ और बीच-बचाव में आई भाभी हुरा की सिर में चोट लगने से मृत्यु हो गई। इसके बाद कैलाश और अंसु दोनों ही भाग गए, जिससे सही स्थिति पता नहीं चली। इस पर पहले धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया।
धारा 304 के तहत गिरफ्तार किया गया मामले में पुलिस अधीक्षक केसरसिंह शेखावत के निर्देशन में टीम गठित कर अनुसंधान किया गया। इसमें तह तक जाने पर अंसु के हाथों हत्या होना साबित हुआ, लेकिन वारदात गैरइरादतन पाई गई। इस पर अंसु को भादसं की धारा 304 के तहत गिरफ्तार किया गया। अब उससे वारदात में प्रयुक्त लठ बरामद करने के प्रयास किए जा रहे हैं।