बांसवाड़ा-डूंगरपुर की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय
पर आज रविवार को BAP पार्टी से सांसद राजकुमार रोत ने अपने सोशल मीडिया अंकाउट X पर लिखा कि बांसवाड़ा संभाग को निरस्त करके राज्य सरकार ने
बांसवाड़ा-डूंगरपुर की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है। मध्यप्रदेश और गुजरात की सीमा पर रहने वाला एक गरीब आदिवासी लगभग 240 किमी की दूरी तय करके
उदयपुर आना तो सोच भी नहीं सकता। सरकार का यह कदम आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की जनता के साथ बहुत अन्यायपूर्ण है। @BhajanlalBjp इस फैसले पर पुनर्विचार कर बांसवाड़ा संभाग को यथावत रखें।
राजकुमार रोत, सांसद, BAP
बिना सोचे समझे संभाग व जिलों की घोषणा की थी
पिछली कांग्रेस सरकार ने बिना सोचे समझे संभाग व जिलों की घोषणा की थी। देश में कोई राज्य सरकार एक साथ इतने जिले नहीं बना सकी, लेकिन अशोक गहलोत ने चुनावी फायदे के लिए बनाए। अधिकतर जगह जिला बनने की बुनियादी व्यवस्था कायम कर जिले व संभाग बनाने चाहिए थे। भजनलाल सरकार का निर्णय सही है। सरकार ने पूरी समीक्षा कर निर्णय लिया है। बांसवाड़ा का विकास भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। राज्य सरकार एवं भाजपा यहां जनता को आश्वस्त करती है कि उनके सर्वांगीण विकास एवं प्रशासनिक कार्यों को समय पर पूरा करवाएंगे।
लाभचंद पटेल, भाजपा जिला अध्यक्ष, बांसवाड़ा
आर्थिक स्थितियों को देखकर सीएम ने लिया निर्णय
मुख्यमंत्री ने आर्थिक स्थितियों को देखकर निर्णय किया है तो सोच-समझकर ही किया होगा। वैसे आम जनता का तो कोई संभाग मुख्यालय पर काम पड़ता नहीं है। मुख्यालय पर जनप्रतिनिधि का हम कराएंगे, भले उदयपुर जाना पड़े या जयपुर।