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पेपर लीक मामले में राजतालाब थाना पुलिस ने पहले प्रवीण मालवीया और उसकी पत्नी सविता मालवीया को गिरफ्तार किया था। वे गिरोह से पेपर पढ़वाने के लिए तीन अभ्यर्थी को लेकर गए थे। पूछताछ के बाद एक-एक कर सात वनरक्षक गिरफ्तार किए, जो रिजल्ट आने के बाद नौकरी जॉइन भी कर चुके थे। गिरफ्तारी के बाद एसपी ने फाइल एसओजी को ट्रांसफर करने के आदेश दिए। एसओजी के एएसपी लाखन सिंह, डीएसपी बाबूलाल मुरारिया खांदू कॉलोनी चौकी पहुंंचे।
निरमा, शिल्पा, शीला, संगीता, सुभाष, सुखराम और वीर सिंह ने पुलिस की जांच के दौरान स्वीकार किया है कि पेपर से करीब 2 घंटे पहले उनको प्रश्न-उत्तर रटा दिए गए थे। इसी कारण उन्होंने परीक्षा पास की और नौकरी लग गई।
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2646 पदों के लिए हुई थी परीक्षावनरक्षक भर्ती 2020 परीक्षा नवंबर 2022 में 2646 पदों के लिए आयोजित की गई थी। इसमें साढ़े 16 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। 12 नवंबर को दूसरी पारी (दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक) का पेपर वायरल हुआ था। चयन बोर्ड ने उस पारी की परीक्षा को निरस्त कर दिया। इसे पुन: करवाया गया। हालांकि अब खुलासा हुआ है कि पहली पारी का भी पेपर लीक हुआ था।