अब स्कूलों में अनिवार्य रूप से बजेगी ‘पानी की घंटी’
लोक शिक्षण विभाग ने जारी की अधिसूचना, सभी जिलाधिकारियों और स्कूलों को नई व्यवस्था लागू करने के निर्देश, सुबह और दोपहर में बच्चों को पानी पीने के लिए मिलेगा 10-10 मिनट का ब्रेक
अब स्कूलों में अनिवार्य रूप से बजेगी ‘पानी की घंटी’
बेंगलूरु.
बच्चों में बढ़ती स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखते हुए राज्य के सभी स्कूलों में ‘पानी की घंटीÓ अनिवार्य कर दिया गया है। अब स्कूलों में सुबह और दोपहर के समय पानी की घंटी बजेगी और 10-10 मिनट के लिए बच्चों को विश्राम दिया जाएगा ताकि इस अवधि में बच्चे भरपूर पानी पी सकें।
राज्य सरकार के लोक शिक्षण विभाग ने सोमवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। यह अधिसूचना सभी जिला अधिकारियों और स्कूलों को भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि हर रोज सुबह के समय दूसरी और तीसरी घंटी के बीच 10 मिनट और फिर दोपहर में तीसरी और चौथी घंटी के बीच बच्चों को 10 मिनट का ब्रेक दिया जाए ताकि बच्चे पानी पी सकें। दरअसल, शिक्षा मंत्री एस.सुरेश कुमार ने पड़ोसी राज्य केरल की तर्ज पर यह नई पहल की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी राय जाहिर करते हुए राज्य के स्कूलों में भी पानी की घंटी बजाकर बच्चों को पानी पीने की याद दिलाने की बात कही थी। कई बार देखा जाता है कि बच्चे पढ़ाई के दबाव और खेलकूद में पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर राज्य में इसे लागू किया गया है अब इस व्यवस्था लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है।
पड़ोसी राज्य केरल के स्कूलों में यह व्यवस्था पहले से लागू है। विशेषज्ञों के अनुसार इसका बच्चों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक पड़ा है। वे पर्याप्त मात्रा में पानी पी रहे हैं। केरल में बच्चों को पानी पीने के लिए घर से केवल बोतल लाना होता है। लेकिन, कुछ जगहों पर बच्चे घर से ही पानी भी लाते हैं। कई स्कूलों में आरओ से पानी भरकर पीते हैं। राज्य में भी यह व्यवस्था लागू की जा सकती है। हालांकि, लोक शिक्षण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह भी देखना होगा कि क्या सभी बच्चे बोतल का खर्च वहन कर सकेंगे? राज्य के सरकारी स्कूलों में पहले ही से आरओ पानी उपलब्ध है इसलिए साफ पानी की चिंता नहीं है। अधिकांश निजी स्कूलों में भी बच्चों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाता है।
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