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बैंगलोर

स्वास्थ्य ही सम्पत्ति विषयक सेमिनार 22 को

बेंगलूरु जैन सेवा मंडल की ओर से 22 दिसम्बर को सुबह 10 बजे से फैडरेशन ऑफ कर्नाटका चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सभागार में स्वास्थ्य ही सम्पत्ति है विषय पर सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर आयुष्मान भव ट्रस्ट उज्जैन (मध्यप्रदेश) के संस्थापक अरुण ऋषि स्वर्गीय स्वास्थ्य ही सम्पत्ति विषय पर व्याख्यान देंगे।

बैंगलोरDec 10, 2024 / 06:08 pm

Yogesh Sharma

अरुण ऋषि देंगे व्याख्यान


बेंगलूरु. बेंगलूरु जैन सेवा मंडल की ओर से 22 दिसम्बर को सुबह 10 बजे से फैडरेशन ऑफ कर्नाटका चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सभागार में स्वास्थ्य ही सम्पत्ति है विषय पर सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर आयुष्मान भव ट्रस्ट उज्जैन (मध्यप्रदेश) के संस्थापक अरुण ऋषि स्वर्गीय स्वास्थ्य ही सम्पत्ति विषय पर व्याख्यान देंगे।
बेंगलूरु जैन सेवा मंडल के उपाध्यक्ष दिलीप जैन, कोषाध्यक्ष मदनलाल वेदमूथा व प्रचार प्रसार मंत्री कैलाश कुमार ने बताया कि करीब ढाई घंटे चलने वाले सेमिनार में अरुण ऋषि ताली, एक्यूप्रेशर से स्वस्थ रहने के गुर सिखाएंगे। वहीं वे प्राकृतिक वस्तुओं के उपयोग सौन्दर्य निखारने के गुर सिखाएंगे। रयासनयुक्त सौन्दर्य प्रसाधन जहां अनेक प्रकार की बीमारियों की जननी होते हैं। वहीं रसायनयुक्त सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री त्वचा को खराब करती है।
इस संबंध में अरुण ऋषि स्वर्गीय ने ‘पत्रिका’ को बताया कि वे भारत वर्ष के पहले एक मात्र व्यक्ति हैं जो 18 बार भारत की विभिन्न विधान सभाओं, विभिन्न प्रदेशों के मुख्य सचिव एवं कलक्टर्स और भारत की अधिकांश नवरत्न और अन्य कंपनियों के चेयरमैन डायरेक्टर्स को संबोधित कर चुके है। वे मूलत: एक उद्योग पति हैं। उन्होंने 27 वर्षो पूर्व 1997 में व्यवसाय से निवृत्ति लेकर उज्जैन में आयुष्यमान भव ट्रस्ट की स्थापना की। इस ट्रस्ट के माध्यम से पिछले 27 वर्षो में 27 लाख किलोमिटर की यात्रा कर 2700 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने मानव मात्र की दिनचर्या उनका माल बेचने के हिसाब से व्यवस्थित कर दी है। सुबह उठें तो मुंह में टूथ ब्रश टूथ पेस्ट रख दिया। उसके बाद चाय-कॉफी की लत लगा दी। उसके बाद शेविंग क्रीम, साबुन, शैंपू, सौंदर्य प्रसाधन पकड़ा दिए गए। इसके बाद थम्स अप, लिम्का, कोका कोला, पान गुटका, सिगरेट दारू पिल- पिला कर उसे दवाओं के मकडज़ाल में फंसा दिया गया। उन्होंने मनुष्य की दिनचर्या इस तरह से बना दी कि हर थोड़े-थोड़े समय के पश्चात मानव मात्र उनके अप्राकृतिक साधनों को खरीदता रहे और खुद को परिवार को समाज को देश को और इस संसार को बरबाद करता रहे।
अरुण ऋषि स्वर्गीय दुनिया के पहले 72 वर्षीय युवा उद्योगपति गृहस्थ हैं जिन्होंने पिछले 44 वर्षो में उपरोक्त वर्णित किसी भी वस्तु का उपभोग अपने जीवन में नहीं किया। इन 44 वर्षों में एक दिन भी रोगग्रस्त नहीं हुए हैं। इसी कारण से उन्हें दुनिया का आठवां आश्चर्य भी कहा जाता है। जिसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्डस के लिए प्रस्तावित है।

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