सुबह अंधेरा होने के कारण प्रक्षेपण और रॉकेट के प्रथम चरण के अलगाव व उसके बंगाल की खाड़ी में गिरने का अद्भूत नजारा दिखा। उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर खुशी व्यक्त करते हुए इसरो अध्यक्ष के.शिवन ने कहा कि इस मिशन में कई नए तकनीकों का प्रयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि इसरो का अगला मिशन चंद्रयान 2 होगा। चंद्रयान 2 का प्रक्षेपण 9 से 16 जुलाई के बीच होगा।
अत्याधुनिक राडार इमेजिंग उपग्रह ‘रिसैट-2 अंतरिक्ष से देश की टोही एवं निगरानी क्षमता बढ़ेगी। रिसैट-2 बी एक्स बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार (एसएआर) युक्त उपग्रह है, जिससे बादलों के आच्छादित रहने पर भी धरती पर नजर रखी जा सकती है। वर्ष 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद इसरो ने 20 अप्रेल 2009 को रिसैट-2 उपग्रह लांच किया था, जिससे सशस्त्र बलों को काफी मदद मिली थी। हालांकि, तब इसरो की योजना स्वदेशी तकनीक से विकसित ‘सी बैंड’ सिंथेटिक अपर्चर राडार उपग्रह रिसैट-1 लांच करने की थी लेकिन यह भारतीय उपग्रह तैयार नहीं था। भारत ने इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज से एक्स बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार लिया जिसे रिसैट-2 में इंटीग्रेट कर छोड़ा गया। इस तरह रिसैट-2 देश का पहला सिंथेटिक अपर्चर राडार युक्त उपग्रह बना, जिससे दिन हो या रात हर मौसम में (24 घंटे) देश की सीमाओं की निगरानी क्षमता बढ़ी। रिसैट-2बी उपग्रह भी एक्स बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार उपग्रह है जो देशकी इमेजिंग और टोही क्षमता को बढ़ाएगा।